CM Sukhwinder Singh Sukhu: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी में आपदा प्रभावितों को 31 करोड़ की सौगात

CM Sukhwinder Singh Sukhu: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज ‘पुनर्वास’ योजना के तहत जिला मंडी के 3800 आपदा प्रभावित  परिवारों को प्रथम चरण में पहली किश्त के रूप में 31 करोड़ रुपए की धनराशि आबंटित की। विशेष राहत पैकेज के तहत उन्होंने पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण के लिए पहली किश्त […]

CM Sukhwinder Singh Sukhu: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी में आपदा प्रभावितों को 31 करोड़ की सौगात

CM Sukhwinder Singh Sukhu: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज ‘पुनर्वास’ योजना के तहत जिला मंडी के 3800 आपदा प्रभावित  परिवारों को प्रथम चरण में पहली किश्त के रूप में 31 करोड़ रुपए की धनराशि आबंटित की। विशेष राहत पैकेज के तहत उन्होंने पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण के लिए पहली किश्त के रूप में 3-3 लाख रुपए तथा अन्य प्रभावितों को मुआवजे की पूरी धनराशि प्रदान की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार हिमाचल प्रदेश इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी से गुजर रहा है। कभी कल्पना भी नहीं की थी कि ऐसी तबाही आएगी। उन्होंने इस तबाही को स्वयं देखा और इसे युद्ध की तरह लड़ने का फैसला किया। इस अभूतपूर्व चुनौती का सामना करने के लिए सभी मंत्रियों और विधायकों, प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस व अन्य कर्मचारियों ने एकजुटता का परिचय दिया।

प्रदेश में फंसे 75 हजार पर्यटकों को एक मिशन के रुप में सुरक्षित निकाला गया। 48 घंटों में बिजली, पानी और अन्य आवश्यक सुविधाओं को अस्थाई रूप से बहाल किया। आपदा से प्रदेश में 12000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसके साथ-साथ राजस्व को भी हानि हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार आम आदमी और गरीब व निर्धन लोगों की सरकार है तथा उनके दर्द को अच्छे से पहचानती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पार्टी देखकर कार्य नहीं करती, बल्कि इंसानियत देखकर कार्य करती है। नेता विपक्ष जय राम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र में हेलीकॉप्टर के माध्यम से आवश्यक सामग्री भेजी गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में आपदा से प्रभावित 16 हजार परिवारों का पुनर्वास करेगी।

CM Sukhwinder Singh Sukhu: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंडी में आपदा प्रभावितों को 31 करोड़ की सौगात
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने बार-बार केंद्र सरकार से आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और हिमाचल प्रदेश को विशेष राहत पैकेज की मांग की। इसके लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिला, लेकिन अभी तक विशेष राहत पैकेज नहीं मिला। कांग्रेस की सांसद प्रतिभा सिंह ने भी प्रधानमंत्री से मिलकर प्रदेश की मदद करने की मांग की लेकिन भाजपा का कोई भी नेता पैकेज मांगने दिल्ली तक नहीं गया। यही नहीं जब विधानसभा में प्रदेश में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए संकल्प लाया गया तो भी भाजपा ने समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी आपदा भाजपा सरकार के कार्यकाल में आई होती तो कांग्रेस पूरी मज़बूती के साथ लोगों की मदद के लिए आगे आती।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावितों की मदद के लिए राज्य सरकार ने आपदा राहत कोष बनाया जिसमें ऐतिहासिक 230 करोड़ रुपए जमा करवाए जा चुके हैं, जो प्रदेश की संस्कृति और लोगों में परोपकारी भाव को दर्शाता है। बच्चों ने अपनी गुल्लक तक आपदा राहत कोष के लिए दे दी। कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन दिया, लेकिन ऐसे समय में भाजपा के नेता राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक 10 हजार करोड़ रुपए के क्लेम केंद्र सरकार को भेजे हैं तथा जल्द ही 2 हजार करोड़ के क्लेम और भेजे जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावितों के घर के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को सात लाख रुपये किया गया है। इसके अतिरिक्त बिजली-पानी का कनेक्शन राज्य सरकार फ्री प्रदान करेगी और घर निर्माण के लिए सीमेंट भी सरकारी दरों पर 280 रुपए प्रति बैग की दर से दिया जा रहा है। इसके अलावा कच्चे व पक्के मकान के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि दुकान तथा ढाबे के क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को 25 हजार रुपये से चार गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। प्रदेश सरकार गऊशाला को हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि को 3 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। प्रदेश सरकार किराएदारों के सामान के नुकसान के लिए दी जाने वाली 2500 रुपये की राशि को 20 गुणा बढ़ाकर 50 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान करेगी। दुधारू तथा भार उठाने वाले पशुओं की क्षति पर 55 हजार रुपये जबकि बकरी, सुअर, भेड़ तथा मेमने की मुआवजा राशि 6000 रुपये प्रति पशु की दर से प्रदान की जाएगी।

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उन्होंने कहा कि कृषि तथा बागवानी भूमि के नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि मुआवजा राशि को 3615 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति बीघा कर दिया है। फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जाने वाली राशि को 500 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 4000 रुपये किया गया है। कृषि तथा बागवानी भूमि से सिल्ट हटाने के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता को 1384.61 प्रति बीघा से बढ़ाकर 5000 रुपये किया गया है। यह विशेष पैकेज 24 जून, 2023 से 30 सितम्बर, 2023 तक प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि हर प्रभावित को पूरा पैसा दिया जाएगा और इसकी जांच भी करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मंडी जिला के विकास में राज्य सरकार कोई कमी नहीं आने देगी। उन्होंने कहा कि वह सत्ता में सुख प्राप्त करने के लिए नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं। हिमाचल प्रदेश अनाथ बच्चों को कानून बनाकर चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट का दर्जा देने वाला देश का पहला राज्य है तथा 27 वर्ष की आयु तक उनकी देखभाल का जिम्मा अब राज्य सरकार का है। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत उनकी फीस, 4 हजार रुपए पॉकेट मनी, साल में एक बार एक्सपोजर विजिट के साथ-साथ शादी व व्यवसाय शुरू करने के लिए आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है।

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कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह ने आपदा के दौरान राज्य सरकार और विशेष रूप से मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों के लिए 4500 करोड़ का पैकेज देना एक सराहनीय कदम है। यही नहीं मुख्यमंत्री ने अपनी जमापूंजी से जरूरतमंदों की मदद के लिए 51 लाख रुपए आपदा राहत कोष में दिए, जो एक स्मरणीय उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने दृढ़ संकल्प का परिचय दिया और लोगों की मदद के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए, जो सराहनीय हैं। मुख्यमंत्री ने कई बार केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई, जिसे अनसुना कर दिया। उन्होंने सभी भाजपा सांसदों से आपदा की घड़ी में प्रधानमंत्री से मिलकर मदद मांगने के लिए पत्र लिखा लेकिन किसी भी भाजपा सांसद ने उसका कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री को हिमाचल के हालात से वाक़िफ़ कराया, लेकिन प्रदेश को अभी तक कोई मदद प्रदान नहीं की गई है।

विधायक चंद्रशेखर ने कहा कि आपदा के दौरान मंडी जिला में 44 लोगों की जान गई। लेकिन राज्य सरकार ने तुरंत प्रभावी कदम उठाकर राहत एवं पुनर्वास कार्य युद्धस्तर पर चलाए गए। उन्होंने कहा कि मंडी के नगवाईं में हुए रेस्क्यू ऑपरेशन की मुख्यमंत्री ने स्वयं निगरानी की तथा पूरे प्रदेश को मजबूत नेतृत्व प्रदान किया। आपदा के दौरान धर्मपुर और सरकाघाट में बहुत अधिक नुकसान हुआ है, लेकिन राज्य सरकार ने हर प्रभावित की मदद की। पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र सिराज में आपदा के दौरान राज्य सरकार ने 34 टन राशन हेलीकॉप्टर से भेजा। उन्होंने सभी से आपदा की घड़ी में एक साथ चलने की अपील की। उन्होंने कहा कि ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू नए हिमाचल के शिल्पकार हैं। उन्होंने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। विधायक अनिल शर्मा ने कहा कि ऐसी त्रासदी पहले कभी नहीं देखी। उन्होंने आपदा के दौरान बेहतर कार्यों के लिए बधाई दी।

पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि इस बार बरसात में बहुत बड़ी त्रासदी हुई है। प्रदेश सरकार द्वारा विशेष राहत पैकेज के तहत प्रथम किस्त के रूप में जिला मंडी को 70 करोड़ रुपए की किश्त जारी की जा रही है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी ने कहा कि आपदा के दौरान मुख्यमंत्री चार बार मंडी के दौरे पर आए और लोगों के बीच रहकर उनकी मदद की। एपीएमसी मंडी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का स्वागत करते हुए प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हर प्रभावित को अपना परिवार मानते हैं तथा ग्राउंड जीरो पर रहकर राहत एवं बचाव कार्य को गति प्रदान की। कार्यक्रम के दौरान आईसीआईसीआई बैंक तथा आईसीआईसीआई फाउंडेशन ने जिला मंडी में पुनर्वास कार्यों को गति प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री को दो फोर्स गुरखा तथा दो महिंद्रा कैंपर गाड़ियों के साथ-साथ 10 फुट-ओवर ब्रिज के दस्तावेज़ सौंपे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चैलचौक ने एक लाख रुपये, क्रशर ओनर काउंसिल ने 11 लाख रुपये, जोगिंदरनगर मंडल कांग्रेस ने   5.51 लाख रुपये तथा सरकाघाट कांग्रेस ने 1.61 लाख रुपये के चेक आपदा राहत कोष के लिए प्रदान किए। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 6.43 करोड़ रुपए की लागत से मंडी में बनने वाले पुलिस थाना (विजिलेंस) की आधारशिला भी रखी। इस अवसर पर कांग्रेस नेता  नरेश चौहान, पूर्व मुख्य संसदीय सचिव सोहन सिंह ठाकुर, कांग्रेस नेता पवन ठाकुर, विजय पाल सिंह, चंपा ठाकुर, चेत राम ठाकुर, जीवन ठाकुर, उपायुक्त अरिंदम चौधरी, पुलिस अधीक्षक सौम्या सांबशिवन और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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