Himachal Politics || हिमाचल कांग्रेस में बगावत के मास्टरमाइंड है कैप्टन अमरिंदर, शाही परिवार के साथ मिलकर किया खेल
प्रदेश कांग्रेस की सरकार को गिराने की थी पूरी तैयारी
हाइलाइट्स
- सुखविंदर सिंह सुक्खू अपनी सरकार बचाने में कामयाब
- शाही परिवार के सदस्य कैप्टन अमरिंदर सिंह हिमाचल प्रदेश के शाही परिवार
- कांग्रेस को भी था आभास
Himachal Politics || हिमाचल प्रदेश में फिलहाल मुख्यमंत्री (Chief Minister) सुखविंदर सिंह सुक्खू अपनी सरकार बचाने में कामयाब (success) हो गए हैं। इससे पहले कांग्रेस (congress ) के बीच जबरदस्त संकट की स्थिति पैदा हो गई थी। इससे पहले राज्यसभा चुनाव (rajysabha election) में हुई कांग्रेस की करारी हार और बाद में सरकार गिरने के संकट की दोनों घटनाओं ने कांग्रेस हाईकमान (congress high comman) को जबरदस्त सदमे में डाल दिया था।
जिसके चलते कांग्रेस आलाकमान ने डीके शिवकुमार (dk shivkumar ) और भूपिंदर सिंह हुड्डा (bhupinder singh hudda) हो ऑब्जर्वर बना कर हिमाचल भेजा। यह जो सियासी सकंट (political turmoil) पहाड़ी राज्य में पैदा हुआ था उसके पीछे जबरदस्त राजनीतिक चाल काम कर रही थी। जो जानकारी मिली है वह चौकने वाली है। सूत्रों का कहना है कि इस ऑपरेशन के पीछे पंजाब (Punjab ) के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का हाथ था। उन्होंने भारत में (in india) कांग्रेस की एकमात्र सरकार को गिराने के लिए भाजपा की तरफ से वोटिंग( voting ) की थी।आपकी जानकारी के लिए बता दो कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और पटियाला (patiyala) के शाही परिवार के सदस्य कैप्टन अमरिंदर सिंह हिमाचल प्रदेश के शाही परिवार से जुड़े हैं। यह परिवार प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य सिंह का है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और मौजूदा कांग्रेस सरकार (congress government) में मंत्री विक्रम सिंह आदित्य ने अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और इस्तीफा (resigne) पर देने तक की धमकी दे डाली थी। सूत्रों के मुताबिक हिमाचल के राजघराने के साथ उनके संबंध के कारण कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी (responsibility ) सौंप गई थी जिसमें एक तरफ वह कामयाब (success) भी हो पाए हैं।
कांग्रेस को भी था आभास
इंडिया टुडे न्यूज़ (india today news) के सूत्रों के हवाले से बताया है कि तब बीजेपी (BJP )!ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को हिमाचल प्रदेश का काम सौंपा था। कैप्टन (caption) की इस चाल का अंदेशा कांग्रेस को भी था। कांग्रेस पार्टी के ने करीब दो हफ्ते पहले इसका मुकाबला करने के लिए की योजना (planning ) भी तैयार की थी लेकिन इस पर कोई करवाई नहीं हो पाई और सरकार के समक्ष जबरदस्त राजनीतिक (political) संकट खड़ा हो गया था।
प्राप्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्यसभा चुनाव (rajysabha election) में कुछ महीने पहले भाजपा ने कांग्रेस के अंदर असन्तोष पनपने की आशंका जाता है थी। जिसमे यह बात सामने आई थी कि विक्रमादितय सिंह और उनका परिवार (familyl खुद को दरकिनार महसूस कर रहा था। मीडिया में छपी खबरों के अनुसार वह मुख्यमंत्री पद चाहते थे।वह 22 जनवरी को राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने के लिए भी गए थे जिसका कांग्रेस ने बहिष्कार भी किया था।