Himachal || तीन निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा स्वीकार न होने पर बोले राज्यपाल, भलाई और बुराई सबके साथ
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि राजभवन अपनी गरिमा का पूरा ख्याल रखता है। मैं
Governor (governor) Shiv Pratap Shukla ने कहा कि राजभवन अपनी गरिमा का पूरा ख्याल रखता है। मैं खुद को उस सीमा के भीतर रखता हूं.'तीन निर्दलीय MLA के इस्तीफे स्वीकार (accept) नहीं किए जाने पर Governor ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सबका अच्छा-बुरा सबके साथ रहता है.
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शिमला: Governor (governor) Shiv Pratap Shukla ने कहा कि राजभवन अपनी गरिमा का पूरा ख्याल रखता है। मैं खुद को उस सीमा के भीतर रखता हूं.'तीन निर्दलीय MLA के इस्तीफे स्वीकार (accept) नहीं किए जाने पर Governor ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सबका अच्छा-बुरा सबके साथ रहता है. शुक्ला ने कहा कि उन्होंने मध्य प्रदेश और कर्नाटक विधानसभाओं के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में Himachal प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को पहले ही सूचित कर दिया है। इस पर स्पीकर (speaker) को फैसला लेना है. इस मामले पर सरकार (government)का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। तीन निर्दलीय MLA - केएल ठाकुर, आशीष शर्मा और होशियार सिंह - ने Governor Shiv Pratap Shukla को अपना इस्तीफा (resignation ) सौंप दिया था।
इसके बाद Governor ने प्रस्ताव की प्रति विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को भेजी। Governor ने स्पीकर को कर्नाटक और मध्य प्रदेश विधानसभा को लेकर सुप्रीम कोर्ट (supreme court) के फैसले की जानकारी भी दी थी.उनका मानना है कि राष्ट्रपति ने इसका संज्ञान लिया होगा.इस संबंध में सरकार कुछ नहीं कर सकती. Governor ने अपने पत्र में स्पीकर से कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि जब भी कोई विधायक व्यक्तिगत (individually)रूप से इस्तीफा देता है, तो विधानसभा सचिवालय को इस्तीफा स्वीकार करना होता है.हालाँकि, स्पीकर ने अभी तक तीन निर्दलीय MLA के इस्तीफे स्वीकार नहीं किए हैं।Governor ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया
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Governor ने कहा कि तस्वीरों के माध्यम से डलहौजी की धौलाधार पर्वतमाला और पहाड़ियों को जीवंत किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें डलहौजी के 150 से अधिक वर्षों के इतिहास को सचित्र दर्शाया गया है। पुस्तक में ब्रिटिशकाल का वर्णन करते हुए बताया गया है कि उनके द्वारा वर्ष 1859-60 में इस पहाड़ी शहर की स्थापना की गई थी। उन्होंने कहा कि पुस्तकें समाज का दर्पण होती हैं और इनसे ज्ञानवर्धन होता है। इस पुस्तक में शहर के समृद्ध इतिहास और भौगोलिक स्थिति की जानकारी संकलित की गई है।
भारत सरकार की पूर्व संयुक्त सचिव डॉ. किरण चड्ढा डलहौजी से संबंध रखने वाली एक लेखिका और कवयित्री हैं। इस पुस्तक में लेखिका और छायाकार विक्की रॉय द्वारा ली गई तस्वीरों का संकलन है। पुस्तक में डलहौजी शहर में यूरोप की संस्कृति और वहां की जीवनशैली के माध्यम से हुए बदलावों को दर्शाया गया है और डलहौजी क्लब के बारे में जानकारी दी गई है।
इस अवसर पर डॉ. चड्ढा ने बताया कि ‘डलहौजी थ्रू माई आइज’ में शहर के लगभग दो शताब्दियों के इतिहास का सचित्र वर्णन किया गया है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा मार्गदर्शिका वर्ष 1859-60 के बाद से डलहौजी के इतिहास की पूरी जानकारी से क्षेत्र के अनछुए स्थलों से अवगत करवाती है। इसमें डलहौजी स्थित सभी संस्थानों, स्कूलों, कॉटेज आदि की जानकारी भी शामिल है। उन्होंने कहा कि डलहौजी पर यह सचित्र और ऐतिहासिक यात्रा मार्गदर्शिका अपने वर्तमान लघु संस्करण में पर्यटकों और यात्रियों के साथ-साथ Himachal प्रदेश पर्यटन यवसाय से जुड़े लोगों के लिए अत्यधिक लाभकारी और उपयोगी साबित होगी। डॉ. चड्ढा विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण पर संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों से जुड़ीं थीं। उन्होंने कई शोधपत्र लिखे हैं और द्वितीय विश्व युद्ध पर उनका आलेख वर्ष 2001 में प्रकाशित हुआ था। Himachal प्रदेश के Governor द्वारा उन्हें वर्ष 2002 में श्रेष्ठ पुत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वर्ष, 2014 से एक एनजीओ ‘स्वच्छ डलहौजी’ भी चलाती हैं और समाज सेवा से संबंधित कई कार्य करती हैं।
इस अवसर पर Governor के सचिव राजेश शर्मा एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।