Mid Day Meal Himachal || 5.50 लाख बच्चों के मध्याह्न भोजन, 22 हजार कर्मियों के वेतन को 19.37 करोड़ रुपये जारी
स्कूलों में सप्ताहिक मिडडे मील को किया जाता है फॉलो
प्रदेश सरकार ने विधानसभा सत्र के दौरान कई जरूरी फैसले लिए हैं। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नर्सरी से आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाले करीब 5.50 लाख बच्चों के दोपहर के भोजन और भोजन तैयार करने वाले 22 हजार कर्मियों के वेतन के लिए 19.37 करोड़ रुपये जारी हो गए हैं। हिमाचल सरकार ने
Mid Day Meal Himachal || प्रदेश सरकार ने विधानसभा सत्र के दौरान कई जरूरी फैसले लिए हैं। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों ( government school)में नर्सरी से आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाले करीब 5.50 लाख बच्चों के दोपहर के भोजन और भोजन तैयार करने वाले 22 हजार कर्मियों के वेतन के लिए 19.37 करोड़ रुपये जारी हो गए हैं। हिमाचल सरकार ने सोमवार को सभी जिलों को बजट (budget )जारी कर दिया है। अब एक-दो दिन में ही स्कूलों को धनराशि (amount) मिल जाएगी। इस बजट के दौरान मिड डे मील वर्करों के तनख्वाह पर 5.75 करोड़ और बच्चों के दोपहर के भोजन (mid day meal) पर 13.61 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
उधर केंद्र सरकार ( center Government) ने प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत शैक्षणिक सत्र 2023-24 की तीसरी किस्त भी प्रदेश सरकार को जारी कर दी है। इस मामले में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि स्कूली बच्चों को पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध करवाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। नर्सरी से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को भोजन देने के लिए प्रतिदिन प्रति बच्चा 5.45 रुपये और अपर प्राइमरी में 8.17 रुपये खर्च किए जाते हैं। बच्चे देश का भाभी भविष्य है और ऐसे मां किस है और स्वास्थ्य का ख्याल रखना सरकार की जिम्मेदारी के साथ-साथ बच्चों के माता-पिता और परिवार की जिम्मेदारी ( responsibility) भी बनती है।
मिडडे मील योजना (mid day meal planning )के तहत सप्ताह के छह दिन अलग-अलग प्रकार का भोजन बच्चों को परोसा जाता है। इसके लिए स्कूलों में विशेष मेन्यू बनाया गया है। पहले सप्ताह के सोमवार को साबुत मूंग दाल और चावल, मंगलवार को सब्जी के साथ सोया पुलाव, बुधवार को राजमा चावल, वीरवार को चना दाल और सब्जी के साथ खिचड़ी, शुक्रवार को उड़द दाल और चावल, शनिवार को काले चने और चावल तैयार किए जाते हैं। इसी प्रकार दूसरे सप्ताह के सोमवार को मिक्स दाल और चावल, मंगलवार को काले चने और दाल, बुधवार को मूंग दाल और सब्जी व चावल, वीरवार को सब्जी व सोया पुलाव, शुक्रवार को राजमा और चावल या कढ़ी तैयार होती है। सभी बच्चों को पौष्टिक आहार मुहैया करवाने के लिए भारत सरकार की ओर से
इस योजना को चलाया जा रहा है। प्रदेश सरकार ( state government) को इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से बजट जारी किया जाता है। हिमाचल सरकार ने बजट का आवंटन कर दिया है। सरकार द्वारा प्रदेश के हर स्कूल में जो मेनू जारी किया गया है उसे उसके अनुसार मिडडे मील पकाया जाए और बच्चों को परोसा जाए। सरकार इस तरफ लगातार नज़र बनाये हुए है सारे मेनू को हर स्कूल मे फॉलो ( follow) किया जा रहा है और हर स्कूल में इस मिडडे मील मेनू को फॉलो करता है इसके लिए सरकार समय-समय पर चेक भी करती है।