हिमाचल में प्राकृतिक आपदा के बीच सुक्खू सरकार लेगी 500 करोड़ का कर्ज

शिमला। हिमाचल में आर्थिक तंगी के बीच आई प्राकृतिक आपदा ने जमकर कहर बरपाया। इसी प्राकृतिक आपदा के बीच अब हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार 500 करोड़ का कर्ज लेने जा रही है। यह कर्ज 15 वर्षों के लिए लिया जाएगा। कर्ज लेने के लिए सरकार की तरफ से कवायद शुरू हो गई है।बताया […]

हिमाचल में प्राकृतिक आपदा के बीच सुक्खू सरकार लेगी 500 करोड़ का कर्ज

शिमला। हिमाचल में आर्थिक तंगी के बीच आई प्राकृतिक आपदा ने जमकर कहर बरपाया। इसी प्राकृतिक आपदा के बीच अब हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार 500 करोड़ का कर्ज लेने जा रही है। यह कर्ज 15 वर्षों के लिए लिया जाएगा। कर्ज लेने के लिए सरकार की तरफ से कवायद शुरू हो गई है।बताया जा रहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार कर्ज लेने के लिए 5 सितंबर को नीलामी प्रक्रिया पूरी करेगी। उसके बाद छह सितंबर को कर्ज की राशि सरकार के खाते में जमा हो जाएगी। प्रदेश सरकार को यह कर्ज 15 वर्षों यानी 6 सितंबर 2038 को वापस लौटाना होगा। इस कर्ज के साथ ही हिमाचल पर 76,500 करोड़ का कर्ज हो जाएगा। बता दें कि प्रदेश की सुक्खू सरकार ने इससे पहले जून और जुलाई माह के बीच करीब 2000 करोड़ का कर्ज लिया था। इस कर्ज के साथ प्रदेश की सुक्खू सरकार इस वित्तीय वर्ष में अब तक 2300 करोड़ का कर्ज ले लेगी। यानी यानि मौजूदा सरकार अपने कार्यकाल में अब तक करीब 7500 करोड़ रुपए कर्ज ले चुकी है।

बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार द्वारा लिया जा रहा यह 500 करोड़ का कर्ज प्रदेश के विकास कार्यों और कर्मचारियों और पेंशनरों को दिए जाने वाले वेतन, पेंशन की अदायगी पर खर्च किया जाएगा। बता दें कि हिमाचल के विकास कार्य कर्ज के सहारे चल रहे हैं। हर वर्ष कई हजार करोड़ प्रदेश पर चढ़ रहा है। अब तक यह कर्ज 76500 करोड़ तक पहुंच गया है, जिसका आगे भी इसी तरह से बढ़ने की उम्मीद है।

कर्मचारियों पेंशनरों को देने के लिए सरकार के पास नहीं है पैसा

प्रदेश की सुक्खू सरकार के ऊपर इस समय कर्मचारियों.पैंशनर्ज की करीब 12000 करोड़ रुपए की वित्तीय अदायगियां लंबित हैं। यह राशि नए वेतनमान के एरियर व डीए की लंबित राशि है, जिसे अभी तक चुकाया नहीं जा सका है। वहीं इस सब के बीच प्रदेश में पिछले तीन माह में जमकर प्राकृतिक आपदा ने कहर बरपाया है।

प्राकृतिक आपदा ने बढ़ाई मुश्किलें

प्रदेश पर आई इस प्राकृतिक आपदा से भी हिमाचल पर वित्तीय संकट छा गया है। केंद्र से ज्यादा मदद ना मिलने से प्रदेश के आर्थिक हालात सुधारना सुक्खू सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। वहीं प्रदेश सरकार की परेशानी इसलिए भी और ज्यादा बढ़ गई है, क्योंकि केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष में कर्ज लेने की सीमा में 5500 करोड़ रुपए की कटौती कर दी है। जहां पहले प्रदेश सरकार वित्त वर्ष के दौरान 14500 करोड़ रुपए तक कर्ज ले सकती थी लेकिन अब 8500 करोड़ रुपए तक ही कर्ज लिया जा सकेगा।

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