पांगी के तीन स्कूलों को डिनोटिफाई करने पर पांगी कल्याण संघ ने किया विरोध, प्रदेश सरकार को भेजा ज्ञापन

कुल्लू: जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी के तीन स्कूलों में प्रदेश सरकार की ओर से डिनोटिफाई करने पर पांगी छात्र कल्याण संघ कुल्लू ने विरोध किया हुआ है। उन्होंने अतिरिक्त जिलाधीश कुल्लू के माध्यम से हिमाचल प्रदेश सरकार को डिनोटिफाई स्कूलों को दोबारा नोटिफाई करने हेतु ज्ञापन भेजा हुआ है। आपकी जानकारी के लिए […]

पांगी के तीन स्कूलों को डिनोटिफाई करने पर पांगी कल्याण संघ ने किया विरोध, प्रदेश सरकार को भेजा ज्ञापन

कुल्लू: जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी के तीन स्कूलों में प्रदेश सरकार की ओर से डिनोटिफाई करने पर पांगी छात्र कल्याण संघ कुल्लू ने विरोध किया हुआ है। उन्होंने अतिरिक्त जिलाधीश कुल्लू के माध्यम से हिमाचल प्रदेश सरकार को डिनोटिफाई स्कूलों को दोबारा नोटिफाई करने हेतु ज्ञापन भेजा हुआ है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 23 अगस्त को प्रदेश सरकार की ओर प्रदेश भर में कई स्कूलों में डिनोटिफाई किया गया है।

जिसमें जिला चंबा के पांगी के तीन स्कूलों को भी शामिल किया गया है। जिनमें राजकीय प्राथमिक पाठशाला चांगली (पुन्टो), राजकीय प्राथमिक पाठशाला इच्वास (हुडान) राजकीय मिडिल स्कूल कुलाल (मिंधल) को डिनोटिफाई कर दिया गया है। सरकार ने पांगी जैसे दुर्गम क्षेत्र की विषम भौगोलिक परिस्थिति को दरकिनार किया गया है। चांगली से पुंटो प्राईमरी स्कूल के बीच एक नाला पड़ता है जिस पर कोई भी पुलिया नही है जिसका विडियो सोशल मीडिया में पिछले दिनों वायरल भी हुआ था। ऐसे ही कुलाल स्कूलों को बंद करने से बच्चों को काफी परेशानियों को समाना करना पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि कुलाल गांव में आज तक सड़क का निमार्ण नहीं हुआ है। ऐसे में वहां के मिडल स्कूल को प्रदेश सरकार की ओर से डिनोटिफाईकर दिया गया है।

पांगी के तीन स्कूलों को डिनोटिफाई करने पर पांगी कल्याण संघ ने किया विरोध, प्रदेश सरकार को भेजा ज्ञापन

स्कूल बंद होने से बच्चों को 15 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर मिंधल स्कूल जाना पड़ेगा। ऐसे में बीच रास्तें में ग्लेशियर प्वांइट और उबड़ खाबड़ रास्तों का भी सामना करना पड़ेगा। ऐसी चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में बच्चे दूसरे जगह कैसे पहुंच पाएंगे यह चिन्ता और सोचनीय विषय है। पांगी छात्र कल्याण संघ कुल्लू सरकार के इस निर्णय की भर्तसना करता है और सरकार से विनम्र आग्रह करता है कि डिनोटिफाई किए गए स्कूल को जल्द से नोटिफाई किया जाए ताकि बच्चों के भविष्य से कोई भी किसी प्रकार का खिलवाड़ न हो सके।