Chamba Pangi News: जोरों से उठ रही है अपनी विधानसभा क्षेत्र अलग करने की मांग, जानिए अगर पांगी विधानसभा अलग हो जाता है तो क्या है फायदे
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Chamba Pangi News: पांगी: जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी घाटी के लोग अपना अलग विधानसभा क्षेत्र घोषित करने को लेकर प्रदेश सरकार से मांग उठा रहे है। वही आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही पांगी घाटी के लोगों की यह मांग जोरों से उठ रही है। पांगी को अलग विधानसभा क्षेत्र […]
Chamba Pangi News: पांगी: जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी घाटी के लोग अपना अलग विधानसभा क्षेत्र घोषित करने को लेकर प्रदेश सरकार से मांग उठा रहे है। वही आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही पांगी घाटी के लोगों की यह मांग जोरों से उठ रही है। पांगी को अलग विधानसभा क्षेत्र घोषित करने के लिए मौजूदा समय में विधायक डॉक्टर जनक राज भी प्रयास कर रहे हैं। लोगों के अलावा घाटी की कई प्रमुख संस्थाएं भी इस मुद्दे को उठा रही है। पंगवाल समुदाय का अपना विधायक ना होने के कारण घाटी में कई विकास कार्य नहीं हो पाए हुए हैं। हालांकि आपको बता दें कि पांगी के लोगों की इससे पहले की प्रमुख मांग चैहणी सुरंग है जो की अपना विधायक ना होने के कारण पूर्ण नहीं हो पा रही है।
कभी था पंगवाल समुदाय का अपना भी विधायक Chamba Pangi News:
पांगी घाटी के लोगों का एक समय ऐसा था कि अपना विधायक चुनने का अधिकार भी सरकार द्वारा दिया गया था। 1952 से लेकर 1966 तक पांगी घाटी का अलग विधानसभा क्षेत्र था उस दौरान घाटी के विधायक दौलत राम गुप्ता थे। दौलत राम गुप्ता पांगी घाटी का आखिरी विधायक थे। आखिरी विधायक दौलत राम गुप्ता पांगी घाटी के मुख्यालय किलाड़ का रहने वाला था लेकिन 1962 में हुई डीलिमिटेशन की फाइनल रिपोर्ट जब 1966 को आई तो उसे दौरान पांगी घाटी को काटकर भरमौर विधानसभा क्षेत्र के साथ जोड़ दिया गया। जब घाटी का विधानसभा क्षेत्र अलग था तो उसे दौरान 6 पंचायतें चुराह वह 4 पंचायतें लाहौल स्पीति की भी पांगी घाटी के साथ शामिल थी।Chamba Pangi News: विधानसभा क्षेत्र अलग होने से क्या है पंगवाल समुदाय को फायदा
Chamba Pangi News: 2026 को हो सकता है पांगी का विधानसभा क्षेत्र अलग
जिस तरह से पांगी के लोग कई संस्थाओं के साथ मिलकर पांगी घाटी का विधानसभा क्षेत्र अलग करने की मांग उठा रहे हैं वहीं आपको बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा महिला आरक्षण बिल लाया हुआ है। जिसमें यह बात जाहिर है कि लोकसभा चुनावों के बाद देश में जनगणना होना तय है। 2021 में जब यह जनगणना होनी थी लेकिन कोविड के कारण इसे रद्द कर दिया गया। अब इस बात का रास्ता साफ हो चुका है कि 2024 में जनगणना होगी जिसमें पांगी समुदाय अपने इस मुद्दे को गहनता से उठा सकते हैं।और 2026 की डीलिमिटेशन में अपना विधानसभा क्षेत्र अलग कर सकते हैं। वही पांगवाल एकता मंच के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर ने बताया कि वह घाटी के लोगों के साथ मिलकर अपना विधानसभा क्षेत्र अलग करने की मांग उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने पूरी उम्मीद है कि 2026 के डीलिमिटेशन में पांगी घाटी को अपना अलग विधायक मिल जाएगा।