Chamba News || RTI के माध्यम से वन विभाग चंबा में हुआ बड़ा खुलासा, जांच शुरू होने पर अ​धि मचा हड़कंप

Fraud In Regularizing Six Daily Wage Earners, Department Sets Up Investigation

Chamba News || RTI  के माध्यम से वन विभाग चंबा में हुआ बड़ा खुलासा, जांच शुरू होने पर अ​धि मचा हड़कंप

चंबा || जिला चंबा में वन विभाग ने फर्जी सरकारी रिकॉर्ड के आधार पर पक्का करने का मामला संज्ञान में आया हुआ है। वन सर्कल चंबा ने मामले की गम्भीरता से लिया हुआ है।वहीं एसएफ डल्हौजी को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। मामले का खुलासा आरटीआई से हुआ है।  चंबा के सुल्तानपुर मोहल्ले में रहने वाले नरेंद्र सिंह ने आरटीआई के माध्यम से इन मामले की जानकारी वन विभाग से प्राप्त की। नरेंद्र कुमार ने बताया कि चंबा वन मंडल की रेंज मसरूंड में यह आश्चर्यजनक मामला सामने आया है। उन्होंने कहा कि कुछ वन अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से सरकार और वन विभाग के नियमों को ताक पर रखकर मस्ट्रोल पर लगे छह लोगों को नियमित किया गया, जो नियमित नहीं हो सकते थे।

विभागीय नियमों के अनुसार, मस्ट्रोल पर लगा रहना पांच वर्ष तक अनिवार्य है और हर वर्ष कम से कम 240 दिन लगने चाहिए। रिकॉर्ड के अनुसार छह लोग इस शर्त और नियमों का पालन नहीं करते हैं, लेकिन विभाग के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से उन्हें पौने दो साल की अवधि (बिल पर काम करने की अवधि) का लाभ मिल गया, जो विभागीय कानून के खिलाफ है। उनका कहना था कि मस्ट्रोल, कैश बुक और एमबी रिकार्ड आपस में मेल नहीं खाते हैं।

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नरेंद्र कुमार ने कहा कि यह सब पुष्टि करता है कि 2013 से 2021 तक मसरूंड रेंज में पक्का हुए लोगों ने विभागीय नियमों और नियमों को तोड़ दिया। उसने कहा कि इन मामलों में सीधे तौर पर उस समय वन परिक्षेत्र मसरूंड में कार्यरत रेंज अधिकारी, वन खंड अधिकारी और वन रक्षक की कार्यशैली सवालों के दायरों में आती है, जिसकी जांच बहुत जरूरी है। उनका कहना था कि सवाल उठता है कि आखिर चलते विभाग की आंखों में धूल झोंककर कुछ लोगों को पक्का किया गया था। नरेंद्र कुमार ने कहा कि यह पूरा मामला बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है, इसलिए इन मामलों की जांच बहुत जरूरी है।

अधिकारी का क्या कहना है

सीसीएफ वन सर्कल चंबा के अभिलाष दमोदर ने पुष्टि की कि मामला ध्यान में आया है, इसलिए सीसीएफ डलहौजी को मामले की जांच करनी दी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद उसे उच्च स्तर पर आगे की कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा। अगली कार्रवाई उच्च स्तर पर मिलने वाले आदेशों पर निर्भर करेगी।