SBI Vs Post Office RD || SBI या पोस्ट ऑफिस? कहां हर महीने पैसा जमा करने पर मिलेगा ज्यादा ब्याज, चेक करें डिटेल्स

SBI Vs Post Office RD ||  सैलरी क्लास के लोगों के लिए एक साथ बहुत सारे पैसे बचाकर निवेश करना थोड़ा मुश्किल होता है। उन्हें हर महीने के खर्च लगभग तय होते हैं, इसलिए वह अक्सर अपनी सैलरी से कुछ पैसा निकालकर निवेश करते हैं।

SBI Vs Post Office RD || SBI या पोस्ट ऑफिस? कहां हर महीने पैसा जमा करने पर मिलेगा ज्यादा ब्याज, चेक करें डिटेल्स

SBI Vs Post Office RD ||  सैलरी क्लास के लोगों के लिए एक साथ बहुत सारे पैसे बचाकर निवेश करना थोड़ा मुश्किल होता है। उन्हें हर महीने के खर्च लगभग तय होते हैं, इसलिए वह अक्सर अपनी सैलरी से कुछ पैसा निकालकर निवेश करते हैं। यहां आपको हर महीने बचाकर निवेश करने वाली सरकारी योजना रेकरिंग डिपॉजिट (RD) के बारे में बताया गया है। हर महीने कुछ रुपये बचाकर RD में निवेश कर सकते हैं। इसमें आप कुछ समय में बड़ा धन खड़ा कर सकते हैं।

एसबीआई रेकरिंग डिपॉजिट || SBI Vs Post Office RD || 

एसबीआई एक वर्ष से दस वर्ष के पीरियड के लिए आरडी प्रदान करता है। एसबीआई रेकरिंग डिपॉजिट (SBI RD) में आम जनता को 6.5 से 7.5 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 7.5 से 7.5 प्रतिशत का ब्याज मिल रहा है।

SBI-RD दरें || SBI Vs Post Office RD || 

  • 1 साल से 2 साल से कम 6.80% (सामान्य) और 7.30% (सीनियर सिटीजन)
  • 2 वर्ष से 3 वर्ष से कम 7% (सामान्य) और 7.50% (सीनियर सिटीजन)
  • 3 साल से 5 साल की उम्र में 6.50 (सामान्य) या 7.00 (उच्च शहरी)
  • 5 साल और 10 साल तक, सामान्य 6.50 और वरिष्ठ नगरीय 7.50 है।

Post Office RD || SBI Vs Post Office RD || 

SBI Vs Post Office RD || SBI या पोस्ट ऑफिस? कहां हर महीने पैसा जमा करने पर मिलेगा ज्यादा ब्याज, चेक करें डिटेल्स
Post Office RD पांच साल की मैच्योरिटी अवधि के साथ आता है। सीनियर सिटीजन को डाकघर आरडी योजना से कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं मिलता। पोस्ट ऑफिस के रिकॉर्ड

  • 5 वर्ष की आरडी 6.7%

RD से बड़ा धन बना सकते हैं || SBI Vs Post Office RD || 

RD में हर महीने पैसा लगाकर एक निश्चित ब्याज मिलता है। आरडी एक साल से दस साल तक चलती है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) और HDFC Bank जैसे कई बैंकों के अलावा पोस्ट ऑफिस भी आरडी देते हैं। RDI पर ब्याज दरें सभी अलग हैं।

news source | MoneyControl