Best Business Idea 2024 || बंपर कमाई वाला सुपरहिट बिजनेस आइडिया, आधी लागत में दोगुना मुनाफा

Best Business Idea 2024 || देश के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के लिए मछली पालन (Fish Farming) एक बढ़िया आय का साधन है। तालाब में मछली पालन के साथ-साथ बत्तख पालन भी एक लाभदायक व्यवसाय है। बत्तखों को मछली के साथ पालना, प्रोटीन उत्पादन के अलावा बत्तखों के मलमूत्र का उपयोग करने के लिए भी […]

Best Business Idea 2024 ||  बंपर कमाई वाला सुपरहिट बिजनेस आइडिया, आधी लागत में दोगुना मुनाफा

Best Business Idea 2024 || देश के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के लिए मछली पालन (Fish Farming) एक बढ़िया आय का साधन है। तालाब में मछली पालन के साथ-साथ बत्तख पालन भी एक लाभदायक व्यवसाय है। बत्तखों को मछली के साथ पालना, प्रोटीन उत्पादन के अलावा बत्तखों के मलमूत्र का उपयोग करने के लिए भी अच्छा है। ये दोनों व्यवसाय एक-दूसरे के साथ काम करते हैं और कम खर्च में अधिक उत्पादन करते हैं।

इस प्रक्रिया से मछली पालन के खर्च में लगभग 60% की बचत की जा सकती है। साथ ही बत्तख तालाब (duck pond) की गंदगी खाकर उसे साफ करती हैं। ये भी पानी में तैरते हैं, जो तालाब में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाता है और मछलियों का अच्छा विकास करता है। मछलियों के साथ बत्तख पालन करने के लिए सही किस्म का बत्तख चुनना महत्वपूर्ण है। खाकी कैम्पबेल प्रजाति, सिलहेट मेटे (भारतीय), नागेश्वरी (भारतीय) और भारतीय रनर प्रजाति बत्तख पालन करते हैं।

बत्तख कैसे पालन करें? || Best Business Idea 2024|| 

Best Business Idea 2024 ||  बंपर कमाई वाला सुपरहिट बिजनेस आइडिया, आधी लागत में दोगुना मुनाफा
ICAR  के अनुसार, मछली के साथ बत्तख पालन (Duck Farming) के लिए गहराई कम से कम 1.5 से 2 मीटर होनी चाहिए। तालाब में जलीय वनस्पति निकालें। तालाब में 250 से 350 किलोग्राम चूने प्रति हेक्टेयर का इस्तेमाल होना चाहिए। बत्तखों के लिए तालाब के किनारे या ऊपर बाड़ा बना सकते हैं। तालाब पर लकड़ी और बांस से बाड़ा बनाएं। बाड़ा हवादार और सुरक्षित होना चाहिए। 250 से 300 बत्तख एक हेक्टेयर में पाल सकते हैं।

मछली के साथ बत्तख पालन के फायदे || Best Business Idea 2024|| 

  • मछली के साथ बत्तख पालन से सालाना 3500 से 4000 किलोग्राम मछली, 15,000 से 18000 अंडे और 500 से 600 बत्तख के मांस का उत्पादन किया जा सकता है.
  • बत्तख को 120 ग्राम दाना रोज देना जरूरी होता है, लेकिन मछली के साथ बत्तख पालन से 60 से 70 ग्राम दाना देकर आप आहार की मात्रा पूरी कर सकते हैं.
  • मछली के साथ बत्तख पालन से ताबाल में एक्स्ट्रा खाद डालने की जरूरत नहीं पड़ती है.
  • बत्तख कीट-पतंगों, पौधे, मेढक के बच्चे आदि खाती है, जो कि मछलियों के लिए हानिकारक है.
  • तालाब में बत्तख के तैरते रहने से वायुमंडल की ऑक्सीजन पानी में घुलती रहती है.

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