Chamba Pangi News: लद्दाख की तरह पंगवाल समूदाय भी करेगा दिल्ली पदयात्रा : त्रिलोक ठाकुर
Chamba Pangi News: पांगवाल एकता मंत्र के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर ने बताया कि पांगी की दो प्रमुख मांगे को लेकर एक बार फिर पंगवाल एकता मंत्र समूदाय के लोगों के साथ मिलकर दिल्ली का रूख कर सकता है।
Chamba Pangi News: पांगी: लद्दाख से जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के नेतृत्व में 100 से अधिक स्वयंसेवकों ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ करते बीते दिन लाहौल की सीमा में प्रवेश किया। जहां से लाहौल के विधायक ने प्रवेश द्वार पर उनका स्वागत किया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लद्दाख क्षेत्र को छट्ठे शेड्यूल में शामिल करना, स्टेटहूड, पार्लियामेंट की एक और सीट, लद्दाख पब्लिक सर्विस कमीशन की स्थापना करने की मांग को लेकर सोनम वांगचुक के नेतृत्व में 100 से अधिक स्वयंसेवकों दिल्ली के लिए रवाना हुए है। यह स्वयंसेवक 2 अक्टूबर को 1000 किलोमीटर पैदल सफर तय कर दिल्ली पहुंचेगे।
वहीं ऐसी ही मांगों को लेकर पिछले कई सालों से जनजातीय क्षेत्र पांगी घाटी के लोगों भी प्रदेश सरकार से मांग कर रहे है। बीते वर्ष पंगवाल एकता मंच की अगुवाई के घाटी के लोग विधानसभा क्षेत्र बहाली और चेहनी पास सुरंग निर्माण परियोजना को लेकर दिल्ली पहुंचे हुए थे। जहां पर पांगी घाटी के लोग चुनाव आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, केन्द्रीय गृह मंत्रालय, सेंट्रल मिनिस्टर, मेंबर पार्लियामेंट और पॉलिटिकल लीडरशिप से इन मुद्दों पर ज्ञापन सौंपा हुआ था। लेनिक उसके बावजूद भी पांगी घाटी की इस समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया गया।एक बार फिर पंगवाल एकता मंच ने पांगी की 19 पंचायतों के लोगों से आवाहन किया हुआ है। जल्द पंगवाल समूदाय लद्दाख की तरह दिल्ली के लिए पद यात्रा करेगा। पांगवाल एकता मंत्र के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर ने बताया कि पांगी की दो प्रमुख मांगे को लेकर एक बार फिर पंगवाल एकता मंत्र समूदाय के लोगों के साथ मिलकर दिल्ली का रूख कर सकता है। उन्होंने बताया कि घाटी के लोग विधानसभा क्षेत्र बहाली और चेहनी पास सुरंग निर्माण परियोजना मांगों को पूरी करवाने के लिए केंद्र सरकार तक पैदल यात्रा करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गया है। इन मांगों को पूरी करवाने के लिए पंगवाल एकता मंत्र ने घाटी के लागों का सर्मथन मांगा हुआ है। त्रिलोक ठाकुर ने बताया पांगी घाअी के लोगों 1971 से चेहनी पास सुरंग निर्माण परियोजना की मांग कर रहे है। वहीं 2021 से विधानसभा क्षेत्र बहाली की मांग कर रहे है।
इस यात्रा का उद्देश्य केवल स्थानीय समस्याओं का समाधान करना नहीं है, बल्कि यह भी दिखाना है कि कैसे क्षेत्रीय मुद्दों को राष्ट्रीय मंच पर लाना आवश्यक है। यदि लद्दाख और पांगी घाटी जैसे दूरदराज के क्षेत्र अपनी समस्याओं को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करते हैं, तो यह न केवल उनकी स्थिति को सुधार सकता है बल्कि समग्र रूप से इन क्षेत्रों के विकास में भी योगदान कर सकता है।