Himachal News || पूरे देश में हिमाचल सरकार ने किया ऐसा काम कि आज देश भर में अपना नाम चमका रहे दिव्यांग
शिमला: Himachal News || हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में 1 लाख 55 हजार 316 दिव्यांगजन हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार दिव्यांगों की यह संख्या है। हिमाचल प्रदेश सरकार ( Government of Himachal Pradesh) 74 हजार 551 दिव्यांग व्यक्तियों को दिव्यांग राहत भत्ता दे रही है, जिनकी दिव्यांगता (disabilities ) 40 प्रतिशत से अधिक है। इनमें दिव्यांगता के सभी श्रेणियां में प्रदेश सरकार की ओर से शामिल किया गया है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र (Himachal Pradesh Assembly) में अतारांकित प्रश्न संख्या 624 में दी गई जानकारी के अनुसार विपक्ष के सदस्य व डॉ. जनक राज (Dr. Janak Raj) ने इस संदर्भ में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री से सवाल किया था।
हिमाचल प्रदेश सरकार (Government of Himachal Pradesh) ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सामाजिक सुरक्षा (पेंशन/भत्ता) (Social Security Pension) नियम 2010 के तहत पात्र दिव्यांगों को चरणबद्ध रूप से सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। दिव्यांगजनों (disabled people) को राज्य सरकार की ओर से दी जा रही यह आर्थिक सहायता ( financial assistance ) बड़ी राहत है। हिमाचल प्रदेश एकमात्र राज्य है जहां दिव्यांगजनों को प्राथमिक स्तर से लेकर पीएचडी तक मुफ्त पढ़ाई (free education) करवाई जाती है।
हिमाचल प्रदेश के दिव्यांगों (Divyangs ) ने देश भर में अपना नाम चमकाया
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में दिव्यांगजनों के अधिकार के लिए काम करने वाली संस्थाओं ने भी शिक्षण संस्थानों को दिव्यांगजनों के लिए आसान बनाया है। धीरे-धीरे दिव्यांगजनों (Divyangjans ) की सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं, ताकि वे अन्य लोगों से अलग न समझें और पढ़ाई करने में कोई परेशानी न पड़े। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University) में दिव्यांग विद्यार्थियों की पढ़ाई को सरल बनाने के लिए भी एक पुस्तकालय चल रहा है। यहां दिव्यांगजनों के लिए लिफ्ट और रैंप भी बनाए जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश ( Himachal Pradesh ) के बच्चे देश भर में अपना नाम चमका रहे हैं क्योंकि वे अपनी दिव्यांगता को अभिशाप नहीं मानते हैं। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University) में पढ़ाई करने वाले दिव्यांग विद्यार्थियों ने न केवल अपना भविष्य बनाया, बल्कि अब शिक्षक बनकर दूसरों का भविष्य संवार रहे हैं।