Himachal News || प्रदेश में आज से हट जाएगी आचार संहिता, जल्द शुरू होंगी रुकी भर्तियां
Himachal News || चुनाव (Election)नतीजों के साथ मंगलवार (Tuesday)को लंबे चुनावी दौर का भी समापन हो गया। हिमाचल (Himachal )में चुनाव आयोग (election Commission)द्वारा जारी शेड्यूल (schedule)के अनुसार छह जून को चुनाव आचार संहिता (Election code of conduct)भी खत्म हो रही है। अब इसके एकदम बाद राज्य सरकार (state government)को रुके हुए कामों पर ध्यान देना होगा।
मुख्यमंत्री (Chief Minister)जल्दी ही इसके लिए कैबिनेट (Cabinet)की बैठक भी बुला सकते हैं। चुनाव के कारण हिमाचल (Himachal)में जहां एक तरफ सरकारी विभागों (government departments)में भारतीय रुक गई थी, वहीं अन्य विकास कार्य (development work)अभी रुके पड़े हैं। शिक्षा विभाग (education Department)में JBT and TGT की बैचवाइज (batchwise)भर्ती फंसी पड़ी है।आयुर्वेद मेडिकल ऑफिसर (Ayurveda Medical Officer)की नियुक्तियां लंबित हैं। इसी तरह वेटरिनरी फार्मासिस्ट (Veterinary Pharmacist)में भी नियुक्तियां होनी हैं। शिक्षा विभाग (education Department)में प्री नर्सरी टीचर्स (Pre Nursery Teachers)का मामला कैबिनेट से ओके होना है। वन मित्र भर्ती (forest friend recruitment)को लेकर सरकार कोर्ट (Court)में लड़ रही है। चुनाव आचार संहिता (Election code of conduct)के कारण वह contact staff भी रेगुलर नहीं हो पाए हैं, जिनकी अनुबंध अवधि (contract period)के दो साल पूरे हो गए हैं। इन्हें अब अपनी रेगुलराइजेशन (regularization)का इंतजार है।
एक और बड़ी चुनौती 16वें वित्त आयोग (16th Finance Commission)के दौरे को लेकर है। सोलहवा वित्त आयोग (16th Finance Commission)राज्य के दौरे पर 24 और 25 जून को आ रहा है और हिमाचल (Himachal)से देशभर के लिए दौरों की शुरुआत हो रही है। राज्य सरकार(State Govt.) को वित्त आयोग के लिए अपना मेमोरेंडम (memorandum)तैयार करना है और इस समय रिवेन्यू डिफिसिट ग्रांट (Revenue Deficit Grant)में हर साल हो रही कटौती को रोकना सबसे बड़ी चुनौती है।
वेतन आयोग (pay commission)एरियर और कॉन्ट्रैक्ट (Arrears and contracts)अवधि की सीनियोरिटी (seniority)को लेकर अदालतों से आदेश हो चुके हैं जिन्हें state government को लागू करना है। कार्मिक विभाग और वित्त विभाग (Personnel Department and Finance Department)की ओर से आयुर्वेद के शीला देवी केस (Sheela Devi Case of Ayurveda)और सिविल सप्लाई के ताज मोहम्मद मामले (Taj Mohammed case of civil supplies)में सरकार से आदेशों का इंतजार है। यह काम भी चुनाव(Election) के एकदम बाद मुख्यमंत्री (Chief Minister)को करना होगा।