Himachal Govt News || 250 करोड़ का ऋण लेने की तैयारी में जुटी सुक्खू सरकार, एग्रीमेंट किया तैयार
कृषि एवं पशु पालन मंत्री ने दी जानकारी
प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश के हर एक तबके के विकास के लिए काम करने के लिए तत्पर हैं। सरकार इस तरफ कदम आगे बढ़ा रही है प्रदेश के संपूर्ण विकास को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सूक्खु कई बार कई मंचो से विकास की घोषणा भी कर चुके हैं कि प्रदेश का समूचा विकास सुनिश्चित किया
Himachal Govt News || प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश के हर एक तबके के विकास (development) के लिए काम करने के लिए तत्पर हैं। सरकार इस तरफ कदम आगे बढ़ा रही है प्रदेश के संपूर्ण विकास (allover development) को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री (chief minister) सुखविंदर सिंह सूक्खु कई बार कई मंचो से विकास की घोषणा भी कर चुके हैं कि प्रदेश का समूचा विकास सुनिश्चित किया जाएगा इसके लिए वह प्रयास भी कर रहे हैं। इसी कड़ी में
हिमाचल सरकार डेयरी विकास (dair development) पशुपालकों की आय बढ़ाने की योजना के तहत डेयरी विकास के लिए नाबार्ड(nabard ) सरकार को ऋण देगा। सरकार के प्रस्ताव को नाबार्ड ने स्वीकृति (permission ) दे दी है और अगले सप्ताह इसे लेकर सरकार और नाबार्ड के बीच एग्रीमेंट (agriment) भी होने वाला है। सरकार की नाबार्ड से चार फीसदी ब्याज पर करीब 250 करोड़ रुपए ऋण लेने की योजना है। यह जानकारी कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने दी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने डेयरी विकास के लिए जायका (जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन एजेंसी) (Japan international corporate agency) से बजट मांगा था जो स्वीकार नहीं हो सका। प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों की आय बढ़ाने के लिए सरकार कांगड़ा जिले के ढगवार में 1.50 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता के स्वचलित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना करने जा रही है। इसके निर्माण कार्य के लिए टेंडर का खर्च सरकार अपने स्तर पर वहन करेगी।कृषि एवं पशुपालन मंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट (project) के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) परामर्श सेवाएं उपलब्ध करवाएगा। नाबार्ड से मिलने वाले ऋण से दुग्ध संयंत्र तैयार किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों से दूध खरीदने के नेटवर्क को भी सुदृढ़ किया जाएगा। कांगड़ा ज़िला (district Kangra) के ढगवार दुग्ध संयंत्र के लिए प्रतिदिन 2.74 लाख लीटर दूध की खरीद की जाएगी। जायका के तहत देश के कई राज्यों को डेयरी विकास के लिए बजट उपलब्ध करवाया गया है। लेकिन हिमाचल के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि बजट ना दिए जाने के पीछे यह तर्क दिया गया है कि जायका के तहत हिमाचल के लिए पहले से स्वीकृत प्रोजेक्टों (parmited projects) को पैसा दिया जा चुका है, अब किसी नए प्रोजेक्ट को इसमें शामिल नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि डेयरी विकास के लिए नाबार्ड ऋण देने को तैयार हो गया है। सरकार की चार फीसदी ब्याज (four percent interest) पर करीब 250 करोड़ ऋण लेने की योजना है। जल्द ही इसे लेकर नाबार्ड से साथ एग्रीमेंट कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांगड़ा स्थित ढगवार में स्वचलित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र के टेंडर (tender) का खर्च सरकार अपने खजाने से खर्च करेगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इसकी स्वीकृति दे दी है ताकि पशुपालकों का विकास सुनिश्चित किया जा सके।