Himachal Guest Teacher Recruitment || CM सुक्खू ने गेस्ट टीचर भर्ती पर लगाई रोक, सोशल मीडिया पर सुक्खू सरकार के खिलाफ हुआ था बवाल
Himachal Guest Teacher Recruitment || सुक्खू सरकार ने हिमाचल प्रदेश में स्कूलों में 2600 गेस्ट टीचरों की भर्ती की घोषणा की थी, लेकिन अब इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है।
Himachal Guest Teacher Recruitment || सुक्खू सरकार ने हिमाचल प्रदेश में स्कूलों में 2600 गेस्ट टीचरों की भर्ती की घोषणा की थी, लेकिन अब इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आगामी आदेशों तक गेस्ट टीचर भर्ती पर रोक लगा दी जाएगी। शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति को गहन चर्चा के बाद लागू किया जाएगा और अमलीजामा पहनाने से पहले शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से पूरी तरह से चर्चा की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि गेस्ट टीचरों की भर्ती अस्थायी है और उनका वेतन घंटे के आधार पर पीरियड के अनुसार किया जाएगा। उनकी मासिक या वार्षिक नौकरी नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए इन शिक्षकों को रखने का फैसला किया है। उनका कहना था कि हिमाचल प्रदेश गुणवत्ता शिक्षा में 18वें स्थान पर खिसक गया है, जिसकी मुख्य वजह शिक्षकों के तबादले हैं। जब शिक्षक तबादलों की वजह से कई दिनों तक स्कूलों व कॉलेजों में उपलब्ध नहीं होते, गेस्ट टीचर भर्ती नीति में कहा गया है कि इस अवधि में स्कूल के प्रधानाचार्य या क्षेत्र के अधिकारी को यह अधिकार मिलेगा कि वे योग्य गेस्ट टीचर को अपने स्कूल-कॉलेज में मेरिट आधार पर भर्ती करे।शिक्षा विभाग ने भर्ती प्रक्रिया को शुरू करने की तैयारी की थी। प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, शिक्षकों का चयन मेरिट के आधार पर होना चाहिए। इन्हें काउंसलिंग के बाद मेरिट के आधार पर स्टेशन चुनने का भी अधिकार मिलेगा। जेबीटी शिक्षक (JBT) भर्ती के लिए बारहवीं कक्षा में 75% अंक और टेट में 65% अंक पात्र हैं। कॉलेज कैडर में शिक्षक भर्ती के लिए सिर्फ नेट या सेट पास करने वाले अभ्यर्थियों को मौका मिलेगा।
ध्यान दें कि प्रदेश सरकार के पीरियड आधारित गेस्ट टीचर भर्ती करने के निर्णय पर कांग्रेस सरकार को विपक्षी भाजपा और बेरोजगार युवा वर्ग से भारी प्रतिक्रिया मिली है। भाजपा ने इसे शिक्षित युवाओं का व्यंग्य बताया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने राज्य सरकार से इस निर्णय को वापस लेने की अपील की है।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि गेस्ट टीचर मामले में भ्रम फैलाया जा रहा है। सरकार ने ये निर्णय विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के दृष्टिगत लिया है। गेस्ट टीचर की सेवाएं केवल अध्यापक के तबादला होने या अन्य अपरिहार्य परिस्थितियों में ही ली जाएंगी। गेस्ट टीचर चयन के लिए मेरिट (merit) को विशेष अधिमान दिया गया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष युवाओं को केवल गुमराह कर रही है और केवल सुर्खियों में बने रहने के लिए इस निर्णय की निंदा कर रही है।
12 जनवरी को आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में सरकारी स्कूलों व कॉलेजों में पीरियड आधारित गेस्ट टीचरों के 2600 पद भरने की मंजूरी मिली थी। इनमें जेबीटी शिक्षकों के 1600, स्कूल प्रवक्ता और कॉलेज प्रवक्ता के 1000 पद भरे जाने थे। पीरियड आधार पर स्कूलों में प्रति पीरियड 200 रुपये, 250 रुपये और कॉलेज में 300 रुपये का प्रावधान किया गया था। प्रतिदिन अधिकतम चार पीरियड होंगे।