Himachal Pradesh Tourism Guidelines: हिमाचल प्रदेश घूमने जा रहे हैं, तो बिना इस बैग के नहीं मिलेगी एंट्री, जानें क्या है ये नियम
हिमाचल प्रदेश राज्य में आने वाले टूरिस्ट के लिए गार्बेज बैग अनिवार्य कर दिया है ताकि वह अपनी विजिट के दौरान अपने कचरे को वापस ले जा सके.
Himachal Pradesh Tourism Guidelines: हिमाचल प्रदेश में हर साल लाखों पर्यटक (tourist ) आते हैं। यह न केवल भारत से बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। बहुत से लोग इस पहाड़ी राज्य (hill state) में खासकर गर्मियों के मौसम में आते हैं।इतने सारे पर्यटकों (tourist) के आगमन के कारण हिमाचल (Himachal) में बहुत सारा कचरा भी जमा हो जाता है।इसे देखते हुए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने नया फैसला सुनाया है।स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए न्यायालय (court) ने राज्य में आने वाले पर्यटकों के लिए कचरा बैग ले जाना अनिवार्य कर दिया है।ताकि वह अपनी यात्रा के दौरान अपना कचरा (waste) वापस ले जा सकें।आइये जानते हैं हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अपने फैसले में और क्या कहा है।
हिमाचल आने वाले टूरिस्ट के लिए गार्बेज बैग जरूरी
हिमाचल आने वाले पर्यटकों के लिए कूड़े के थैले जरूरी हैं, पहाड़ों में पर्यावरण (environment) बहुत अच्छा है।लेकिन वहां बहुत सारे पर्यटक जाते हैं, जिसके कारण वहां बहुत सारा कचरा इकट्ठा हो जाता है और पर्यावरण प्रदूषित (entertainment pollution) हो जाता है। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय (Himachal Pradesh High Court) ने राज्य में पर्यावरण संबंधी चिंताओं पर जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर सुनवाई कर रहा है।हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय (high court) के न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने राज्य में पर्यावरण संबंधी अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था में सुधार के लिए यह आदेश पारित किया।
19 जुलाई को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में खंडपीठ ने राज्य को आदेश दिया कि सरकार (government ) को गोवा और सिक्किम राज्यों की तरह पर्यटन पर ध्यान देना चाहिए।पीठ ने अपने आदेश में कहा, "स्थायी पर्यटन और सभी समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्य को सिक्किम सरकार से सीखना चाहिए।"इन राज्यों में प्रवेश करने वाले सभी पर्यटकों के लिए अपने वाहन में एक बड़ा कचरा बैग ले जाना अनिवार्य है।
पर्यटकों पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट चार्ज लगाए
टूर ऑपरेटरों, ट्रैवल एजेंसियों और वाहन चालकों को भी कचरा उठाने और निपटान के बारे में जानकारी साझा करने की जिम्मेदारी दी गई है।हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने इस वर्ष मार्च में एक मामले की सुनवाई (hearing) करते हुए राज्य सरकार से राज्य में आने वाले पर्यटकों पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शुल्क लगाने का अनुरोध किया था। वहीं, जुलाई में हुई सुनवाई में कोर्ट ने सरकार को बताया था कि कुल्लू, मनाली, सिस्सू और कोकसर में पर्यटकों पर पहले से ही ग्रीन टैक्स (green tax) लगाया जा रहा है।
लेकिन इसकी जांच नहीं की जा रही है। यह स्पष्ट नहीं है कि अपशिष्ट प्रबंधन का उपयोग उचित तरीके से किया जा रहा है या नहीं।इसके साथ ही संबंधित अधिकारियों (officials) को ग्रीन टैक्स के लिए कोर्ट में हलफनामा दाखिल करने को भी कहा गया है।ताकि यह स्पष्ट हो सके कि ग्रीन टैक्स का उपयोग किस प्रकार किया जा रहा है।उच्च न्यायालय (high court) ने राज्य में कचरा प्रबंधन के लिए एक विशेष टास्क फोर्स के गठन को भी कहा है।