भगवान गणेश को क्यों नहीं चढ़ाई जाती तुलसी? जान लें ये खास वजह ।।Ganesh Festival 2023
Ganesh Festival 2023: हिंदू धर्म में गणपति को प्रथमपूज्य मानते हैं। भाद्रपद महीने में विघ् नहर्ता गणेश हर साल अपने भक् तों के पास आते हैं और 10 दिन तक उनके साथ रहकर उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। 2023 में गणेश उत्सव शुरू हो गया है। गणेश मंदिरों को पूरे देश में सजाया गया है। गणेश […]
Ganesh Festival 2023: हिंदू धर्म में गणपति को प्रथमपूज्य मानते हैं। भाद्रपद महीने में विघ् नहर्ता गणेश हर साल अपने भक् तों के पास आते हैं और 10 दिन तक उनके साथ रहकर उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। 2023 में गणेश उत्सव शुरू हो गया है। गणेश मंदिरों को पूरे देश में सजाया गया है। गणेश मंदिरों में भक् त बहुत हैं। साथ ही घरों में विराजमान गजानन की पूजा-अर्चना करने और उन्हें प्रसन्न करने में भी लोग जुटे हुए हैं। गणपति बप्पा को हर दिन उनकी पसंदीदा खाना खिलाया जाता है। मोदक, लड्डू और दूर्वा गणेशजी को बहुत प्रिय हैं। गणेश जी को भोग लगाते समय ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें तुलसी नहीं चढ़ाई जाए. ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें तुलसी चढ़ाना गैरकानूनी है।
गणेश जी को भोग में मोदक, लड्डू, दूर्वा, साबुत सुपारी, साबुत हल् दी और जनेऊ भी विशेष रूप से अर्पित किए जाते हैं। गणेशजी को कभी भी तुलसी नहीं देनी चाहिए। तुलसी को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र और पूजनीय माना जाता है। तुलसी को भगवान विष्णु की पूजा करना अनिवार्य है, लेकिन गणेशजी की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल मना है। एक पौराणिक कथा इसकी वजह बताती है।पुरानी कहानी कहती है कि गणेशजी एक बार गंगा किनारे तपस्या कर रहे थे। तभी तीर्थयात्रा पर निकली तुलसी ने गंगा के तट पर युवा गणेशजी को तपस्या करते देखा। तुलसी गणेश के इस रूप से मोहित हो गई और श्री गणेश से शादी करना चाहती थी। इसलिए उन् होंने गणेशजी को भंग कर दिया। तुलसी को ब्रह्मचारी होने का प्रस्ताव गणेश ने ठुकरा दिया। तुलसी ने गणेशजी को शाप दिया कि उनके एक नहीं, बल्कि दो शादी होंगी क्योंकि उनका विवाह प्रस्ताव ठुकरा दिया गया था। इस पर श्री गणेश ने भी तुलसी को शाप देते हुए कहा कि वह एक असुर से विवाह करेगी। उसने यह भी कहा कि मेरी पूजा में तुलसी चढ़ाना अशुभ होगा। तब से ही भगवान गणेश की पूजा में तुलसी चढ़ाना गैरकानूनी है।