Himachal News | ये हैं हिमाचल के 5 प्रसिद्ध शिव मंदिर, सावन के महीने में लगती है श्रद्धालुओं की भारी भीड़
5 famous Shiva temples of Himachal
देवभूमि हिमाचल के कण-कण में देवी देवताओं का वास रहता है इसलिए हिमाचल प्रदेश के इस 12 जिलों वाले राज्य को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। हिमाचल प्रदेश अपनी अलौकिक वह भौगोलिक समेत खूबसूरत पहाड़ों के लिए पूरे दुनिया भर में प्रसिद्ध है हर साल लाखों की तादाद में पर्यटक व श्रद्धालु हिमाचल प्रदेश का रुख करते हैं।
शिमला: देवभूमि हिमाचल के कण-कण में देवी देवताओं का वास रहता है इसलिए हिमाचल प्रदेश के इस 12 जिलों वाले राज्य को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। हिमाचल प्रदेश अपनी अलौकिक वह भौगोलिक समेत खूबसूरत पहाड़ों के लिए पूरे दुनिया भर में प्रसिद्ध है हर साल लाखों की तादाद में पर्यटक व श्रद्धालु हिमाचल प्रदेश का रुख करते हैं। आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के उन ऐतिहासिक व प्रसिद्ध पांच शिव मंदिरों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं
जहां पर सावन के महीने में शिव भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तरी भारत में सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त 2024 को समाप्त होने जा रहा है। जिसे श्रावण मास के रूप में भी जाना जाता है देवभूमि हिमाचल प्रदेश उत्तरी सीमा के करीब स्थित अपनी प्राकृतिक सुंदरता व धार्मिक स्थलों के महत्व से काफी प्रसिद्ध है वही पहले नंबर पर आता है हिमाचल प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध शिव भक्तों का कैलाश पर्वत।किन्नर कैलाश:
किन्नर कैलाश तिब्बत की सीमा पर किन्नौर जिले में है। इस पर्वत की ऊंचाई लगभग 21,325 फीट है। उस पर स्थित 40 फीट की ऊंचाई और 16 फीट की चौड़ाई का विशाल शिवलिंग इसे खास बनाता है। किन्नर कैलाश दिन में सात बार रंग बदलता है, जिसे देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं।
भरमौर कैलाश (Chamba)
मणिमहेश-कैलाश या भरमौरी कैलाश धौलाधार और पांगी पर्वतों के बीच स्थित है। यह एक शैव तीर्थ है और लोग हजारों वर्षों से यहाँ जाते आ रहे हैं। समुद्र तल से लगभग 13,500 फीट की ऊंचाई पर मणिमहेश नामक एक पवित्र सरोवर भी इस क्षेत्र में है।
कुल्लू में श्रीखंड कैलाश:
हिमाचल प्रदेश के ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में श्रीखंड कैलाश स्थित है। इसे भगवान शिव का निवास स्थान मानते हैं, जिसकी ऊंचाई लगभग 18,570 फीट या 5676 मीटर है। इस पर्वत पर 72 फीट ऊँचा विशाल शिवलिंग श्रीखंड महादेव के नाम से प्रसिद्ध है।
Bajnath Mahadev (कांगड़ा):
13वीं शताब्दी का एक प्राचीन शिव मंदिर कांगड़ा जिले में बैजनाथ महादेव है। इस मंदिर में भगवान शिव को चिकित्सा और औषधियों के स्वामी के रूप में पूजा जाता है, इसलिए इसका नाम वैद्यनाथ भी है।
काठगढ़ महादेव (कांगड़ा):
कांगड़ा जिले के इंदौरा उपमंडल में स्थित काठगढ़ महादेव एक अनोखा शिवलिंग है जिसमें दो भाग होते हैं और ग्रहों और नक्षत्रों के परिवर्तन के अनुसार इन भागों का अंतर बदलता रहता है। इस लिंग का विशेषता है कि शिवरात्रि के दिन यह दोनों भाग मिल जाते हैं, जिसे लोक में विशेष मान्यता है। शिव रूप में पूजे जाते शिवलिंग की ऊंचाई 7-8 फुट है जबकि पार्वती के रूप में अराध्य हिस्सा 5-6 फुट ऊंचा है।