EPFO के कर्मचारियों के लिए बड़ी खु्शखबरी, ELI Scheme से कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
नई दिल्ली: श्रम मंत्रालय ने बीते दिन को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organisation) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि रोजगार प्रोत्साहन (ELI) योजना के लिए आवश्यक आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर (IT Infrastructure) और क्षमता निर्माण (Capacity Building) की तैयारियां पूरी हो। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने केंद्रीय बजट 2024-25 (Union Budget 2024-25) में यह घोषणा की थी कि सरकार EPFO के तहत रोजगार से जुड़ी तीन नई योजनाएं शुरू करेगी।
बजट घोषणाओं का उद्देश्यकेंद्रीय बजट (Union Budget) 2024-25 के तहत सरकार ने प्रधानमंत्री की पांच बड़ी पहलों के हिस्से के रूप में 2 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ELI योजना का ऐलान (Announcement of ELI scheme) किया। इस योजना के तहत अगले पांच वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार (Employment to crores of youth) कौशल विकास और अन्य अवसर प्रदान करने का लक्ष्य है।
समीक्षा बैठक में उठाए गए कदम
श्रम सचिव सुमिता डावरा (Labor Secretary Sumita Dawra) ने एक समीक्षा बैठक में EPFO को निर्देश दिया कि बजट में घोषित योजनाओं को लागू करने के लिए आवश्यक तैयारियां पूरी करें। इसके साथ ही, आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर (IT Infrastructure) और क्षमता निर्माण को मजबूत बनाने पर जोर दिया गया। श्रम मंत्रालय (Ministry of Labour) ने यह भी कहा कि EPFO को आगामी 30 नवंबर, 2024 को होने वाली केंद्रीय न्यासी बोर्ड (Central Board of Trustees) की बैठक में योजना की प्रगति पर रिपोर्ट तैयार रखनी होगी।
समस्याओं के समाधान पर फोकस
बैठक के दौरान औद्योगिक विवादों और लंबित मामलों के तेजी से समाधान, श्रम सुविधा पोर्टल पर समय पर निरीक्षण रिपोर्ट अपलोड करने और निरीक्षण प्रक्रिया को सरल बनाने पर जोर दिया गया। साथ ही केंद्र सरकार औद्योगिक न्यायाधिकरण-सह-श्रम न्यायालयों (Central Government Industrial Tribunals-cum-Labour Courts) में लंबित मामलों का निपटारा करने और ई-न्यायालय प्रणाली के जरिए सुधार लाने की योजना बनाई गई।
प्रशिक्षण मॉड्यूल में सुधार
मंत्रालय के प्रशिक्षण संस्थानों, जैसे दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा और विकास बोर्ड (DTNBWED) और वीवी गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान (VVGNLI), को निर्देश दिया गया कि वे मौजूदा प्रशिक्षण मॉड्यूल का समयबद्ध तरीके से आकलन और अद्यतन करें। यह सुनिश्चित करने के लिए क्षमता निर्माण आयोग से भी परामर्श लिया जाएगा ताकि श्रम कल्याण और रोजगार से जुड़ी आधुनिक जरूरतों को पूरा किया जा सके।