Success Story || मॉडल से कम नहीं पुलिस की ये DSP, तीसरे प्रयास में UPSC की पास, बन गई DSP
Success Story || UPSC की तैयारी कर रहे कई विद्यार्थी IAS-IPS बनना चाहते हैं। यूपीएससी सिविल सर्विस और पीसीएस टॉपर्स की सफलता की कहानियां काफी प्रेरक हैं। आज हम सिविल सर्विस एस्पिरेंट्स के लिए यूपी पीसीएस 2017 की बैच की डीएसपी प्रियंका बाजपेई के बारे में जानकारी देने जा रहे है। ।आइए जानते हैं कि […]
Success Story || UPSC की तैयारी कर रहे कई विद्यार्थी IAS-IPS बनना चाहते हैं। यूपीएससी सिविल सर्विस और पीसीएस टॉपर्स की सफलता की कहानियां काफी प्रेरक हैं। आज हम सिविल सर्विस एस्पिरेंट्स के लिए यूपी पीसीएस 2017 की बैच की डीएसपी प्रियंका बाजपेई के बारे में जानकारी देने जा रहे है। ।आइए जानते हैं कि उन्होंने यूपी पीएसीएस कैसे क्रैक किया था। यूपी पुलिस की डीएसपी प्रियंका बाजपेयी खूबसूरती के मामले में किसी मॉडल से कम नहीं हैं। हालाँकि, सिर्फ उनके शारीरिक सौंदर्य को देखना पूरी तरह सही नहीं है। प्रियंका बाजपेयी लखनऊ में रहती हैं और पढ़ाई में अच्छी हैं। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री हासिल की। जिसमें वह गोल्ड मेडल विजेता थीं। पीएचडी भी किया। प्रियंका बाजपेयी ने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में पीजी करते हुए सिविल सर्विस एग्जाम की भी तैयारी की। 2017 में वह यूपी पीसीएस परीक्षा में 6वीं रैंक से पास हुई थीं, जिससे वह डीएसपी बन गई।
प्रियंका ने सिविल सर्विस एस्पिरेंट्स को सुझाव देते हुए कहा कि सोशल मीडिया का सही उपयोग नहीं किया जाए तो समय बर्बाद करता है। प्रियंका ने सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी कर रहे लोगों को भी एक बैकअप योजना बनाने की सलाह दी है। उन्हें खुद सेलेक्शन नहीं हुआ तो उन्होंने पीएचडी करके प्रोफेसर बनने का विचार किया। प्रियंका बाजपेयी ने इंस्टाग्राम पर काफी सक्रियता दिखाई दी है। इस प्लेटफॉर्म पर उनका 24000 फॉलोवर है। यद्यपि, प्रियंका ने एक इंटरव्यू में बताया कि वह सिविल सर्विस परीक्षा के दौरान लगभग दो साल तक सोशल मीडिया से दूर रही थीं। प्रियंका भी सोचती हैं कि सोशल मीडिया का सही उपयोग करना चाहिए। प्रियंका ने सिविल सर्विस एस्पिरेंट्स को सुझाव देते हुए कहा कि सोशल मीडिया का सही उपयोग नहीं किया जाए तो समय बर्बाद करता है। प्रियंका ने सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी कर रहे लोगों को भी एक बैकअप योजना बनाने की सलाह दी है। उन्हें खुद सेलेक्शन नहीं हुआ तो उन्होंने पीएचडी करके प्रोफेसर बनने का विचार किया।