Success Story || पिता की मेहनत को देख बेटे को मिला हौसला, हजारों किमी दूर जीता गोल्ड मेडल, अब देश के लिए खेलना है सपना
बाड़मेर के बेटे ने अपनी जमीन से हजारों किलोमीटर दूर गोल्ड मेडल अपने नाम किया है. किसान के बेटे की इस सफलता से ना केवल उसके घरवाले, बल्कि पूरे बाड़मेर को उस पर नाज है
Success Story || गांव के किसान पाबूराम के बेटे ने पांडिचेरी में बास्केटबॉल में यह सफलता हासिल की है.यही वजह है कि जब बाड़मेर के एक छोटे से गांव नगरदा के मोहित कुमार पांडिचेरी से गोल्ड मेडल जीतकर लौटे तो उनके स्वागत के लिए लोग उमड़ पड़े. जिला बास्केटबॉल संघ के सचिव गेमर सिंह ने लोकल 18 को बताया कि नगरड़ा निवासी मोहित
Success Story || ऐसा कहा जाता है कि एक बेटा अपने पिता से सीखता है और उनकी आदतों का पालन करता है। आज उसी का नतीजा है कि बेटे ने अपनी धरती से हजारों किलोमीटर दूर गोल्ड मेडल (gold medal) जीता है.भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित बाड़मेर के एक किसान ने अपने पिता की खेतों में कड़ी मेहनत देखी और अपने बेटे की मेहनत को अपने खेल में ले लिया।किसान के बेटे की इस सफलता से न केवल उनके परिवार को बल्कि पूरे बाड़मेर (baadmer) को उन पर गर्व हैl
बाड़मेर के एक छोटे से गांव के किसान पाबूराम के बेटे ने पांडिचेरी में बास्केटबॉल (basketball) में यह सफलता हासिल की है.यही वजह है कि जब बाड़मेर के एक छोटे से गांव नगरदा के मोहित कुमार पांडिचेरी से गोल्ड मेडल जीतकर लौटे तो उनके स्वागत के लिए लोग उमड़ पड़े. जिला बास्केटबॉल संघ (basketball federation) के सचिव गेमर सिंह ने लोकल 18 को बताया कि नगरड़ा निवासी मोहित कुमार बाड़मेर जिला मुख्यालय के पीएम श्री स्टेशन रोड बाड़मेर विद्यालय में 12वीं विज्ञान वर्ग में अध्ययनरत है और उसने 38वीं यूथ प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता है. अंडर 17 राष्ट्रीय बास्केटबॉल प्रतियोगिता।
5 साल से प्रैक्टिस कर रहे अपने पिता पाबूराम को खेतों में कड़ी मेहनत (hardwork) करते हुए खेती करते देख मोहित ने भी प्रेरणा ली और अपनी पूरी मेहनत अपने खेल में लगा दी. उनके 2 भाई और 3 बहनें हैं। उन्होंने कई बार स्टेट चैंपियनशिप भी जीती है. वह पिछले 5 साल से प्रैक्टिस कर रहे हैं.मोहित का कहना है कि वह रोजाना 10-10 घंटे प्रैक्टिस करते हैं और उनका सपना देश के लिए खेलना हैl
38वीं यूथ अंडर-17 नेशनल बास्केटबॉल चैंपियनशिप (basketball championship) में पदक जीतने वाले मोहित कुमार ने कहा कि शुरुआती सफर कठिनाइयों और संघर्षों से भरा रहा है। उनके पिता पाबुराम ने उन्हें खेती सिखाई और बास्केटबॉल के लिए तैयार किया।उनका कहना है कि पांडिचेरी में हुए 38वें यूथ अंडर17 नेशनल बास्केटबॉल टूर्नामेंट (basketball tournament) में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता है. इसके लिए मोहित कुमार ने 10-10 घंटे तक मैदान में प्रैक्टिस की. पांडिचेरी में क्वार्टर फाइनल में मैच जीतने के बाद केरल ने सेमीफाइनल मैच खेला, जिसे जीतकर वह फाइनल (final) में पहुंची और फाइनल मैच में तमिलनाडु को हराया।