Motivational Success Story || नौकरी ना मिलने पर शुरू की खेती, आज किसानों और स्टूडेंट्स के लिए बन चुके हैं मिसाल
एक पॉलीहाउस तैयार किया जो 43 लाख में बनकर तैयार हुआ
Motivational Success Story || जहां एक तरफ युवाओं को पढ़ाई करने के बाद नौकरी के लिए संघर्ष करना पड़ता है तो वहीं दूसरी ओर किसान भी खेती में आने वाले उतार चढ़ाव और परेशानियों से जूझते नज़र आते हैं।
Motivational Success Story || जहां एक ओर युवाओं (youth) को पढ़ाई के बाद नौकरी के लिए संघर्ष (struggle ) करना पड़ता है, वहीं दूसरी ओर किसान भी खेती में उतार-चढ़ाव से जूझते नजर आते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश (uttar pradesh )के देवरिया जिले के रहने वाले कमलेश मिश्रा ने कुछ ऐसा किया है कि वह युवाओं और किसानों दोनों के लिए प्रेरणा (motivation) बन गए हैं. पढ़ाई के बाद भी जब उन्हें नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने खेती करना चुना, जिससे न सिर्फ वह अच्छी कमाई कर रहे हैं बल्कि लोगों के लिए एक मिसाल (example l भी बन गए हैं।
कौन है कमलेश मिश्रा?
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रहने वाले कमलेश मिश्रा का सपना (dream) अन्य युवाओं की तरह पढ़ाई कर नौकरी करके अपना करियर बनाने का था.कौन हैं कमलेश मिश्रा? ? इसके लिए उन्होंने बीकॉम की पढ़ाई (study) की और फिर नौकरी के लिए आवेदन किया, लेकिन काफी कोशिशों (struggle) के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली और यहीं से उनके जीवन में एक नया मोड़ आया। पॉलीहाउस तकनीक (polihouse technique) से सब्जियों की खेती करने के लिए उन्हें सबसे पहले पॉलीहाउस बनाने की जरूरत पड़ी, जिसके लिए वह सबसे पहले राजस्थान गए और वहां के किसानों के पॉलीहाउस (polihouse) पर शोध और काम करने के तरीके को समझा, फिर बागवानी विभाग में गए और सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी ली।जिसके बाद उन्होंने एक पॉलीहाउस तैयार (ready ) किया जो 43 लाख में बनकर तैयार हुआ, इसके लिए कमलेश ने सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया और उन्हें इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार से 50 प्रतिशत सब्सिडी (subsidy) भी मिली. आज उनके मुनाफे की बात करें तो उन्होंने एक साल में 5 लाख रुपये खर्च करके 30 लाख (30 lakhs) रुपये का मुनाफा कमाया है। नौकरी न मिलने पर कमलेश मिश्रा ने खेती करने का फैसला किया, उन्होंने खेती तो शुरू कर दी लेकिन उनका तरीका पारंपरिक खेती से अलग था। अपनी पढ़ाई और ज्ञान का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने पॉलीहाउस तकनीक से खेती शुरू की।कमलेश ने टीवी और इंटरनेट (internet) पर बहुत जगह देखा और सुना था कि पॉलीहाउस में बिना मौसम वाली सब्जियां आसानी से उगाई जा सकती हैं और बाजार में उन सब्जियों की बहुत मांग होगी जो आमतौर पर उस मौसम में उपलब्ध नहीं होती हैं।
कमलेश मिश्रा और पॉलीहाउस
शुरुआत में इस पॉलीहाउस तकनीक से खेती करने में कमलेश मिश्रा को काफी दिक्कतों (problems) का सामना करना पड़ा, उनके आसपास के किसानों ने भी इस तकनीक (technique ) से खेती करने से मना कर दिया और कहा कि यह बहुत महंगी है और इससे मुनाफा कमाना मुश्किल है।लेकिन कमलेश को अपने फैसले पर पूरा भरोसा था। आज कमलेश मिश्रा खेती करने वाले किसानों के लिए एक मिसाल (example ) बन गए हैं और युवाओं के लिए भी एक मिसाल बन गए हैं जिन्होंने साबित कर दिया है कि अगर आपमें काबिलियत है तो आप खेती करके अच्छी आमदनी (income)कमा सकते हैं।