Himachal News || हिमाचल की 12 साल की बच्ची के हाथों में है तगड़ा जादू, पेंसिल से उकेर दी हुबहू भागवान की तस्वीर
Himachal News || सिरमौर: आज के दौर में जहां अधिकतर बच्चे मोबाइल में व्यस्त रहना पसंद करते हैं। वहीं हिमाचल में एक ऐसी भी बच्ची है जिसने अपने हुनर से अपनी अलग पहचान बना ली है। इस बच्ची में गजब का हुनर है। यह बच्ची कागज पर साधारण पेंसिल से हुबहू कलाकृति उकेर देती है। यह बच्ची सिरमौर जिला की रहने वाली है। इस बच्ची की उम्र मात्र 12 साल है, लेकिन इसने अपनी कलाकृतियों से हर किसी को चकित कर दिया है।
अब तक कई चित्र बना चुकी है बच्ची
गरिमा ने बताया कि उसने अब तक पेंसिल से कई चित्र बनाए हैं। जिसमें भगवान राम के अलावा श्रीकृष्णए साईं बाबाए दुर्गा माता के चित्र शामिल हैं। गरिमा ने बताया कि उसे एक चित्र बनाने में आधे घंटे से डेढ़ घंटे का समय लगता है। गरिमा ने बताया कि उसका सपना क्रिकेट खिलाड़ी बनने का है। लेकिन वह अपनी इस कला को भी जीवित रखना चाहती है, जिसके लिए वह लगातार अभ्यास करती रहती है।सरकारी स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ती है गरिमा
विकास खंड नाहन के सरकारी स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ने वाली गरिमा महज 12 वर्ष की आयु में एक साधारण पेंसिल से कागज पर गजब के चित्र बनाती है। वह किसी भी चित्र को देख कर उसकी हुबहू कलाकृति बना देती है। बच्ची ने अपनी इस प्रतिभा से सबको चकित कर दिया है। यह बच्ची गरिमा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मोगीनंद की छात्रा है।
5 वर्ष की आयु से बनाने लगी थी चित्र
बताया जा रहा है कि 5 वर्ष की आयु में जब बच्चे को सही से लिखना भी नहीं आता है, उस उम्र में ही गरिमा ने कागज पर लकीरें उकेर कर चित्र बनाने शुरू कर दिए थे। हालांकि उस समय वह इतने अच्छे चित्र नहीं बना पाती थी, लेकिन उसके लगातार अभ्यास ने आज उसे एक बेहतरीन चित्रकार बना दिया है।
प्रतिभा देख परिजनों ने बेटी को करवाया आर्ट कोर्स
गरिमा की अद्भुत कला को देखते हुए गरिमा के माता पिता ने उसे शिखा आर्ट इंस्टीट्यूट इंदौर से दो माह का ऑनलाइन आर्ट कोर्स भी करवाया है। गरिमा के स्कूल मोगीनंद की प्रधानाचार्या शिभा खन्ना ने बताया कि गरिमा की इस बेजोड़ कला को देखकर सभी अध्यापक आश्चर्यचकित हैं। अगर ऐसे होनहार विद्यार्थियों को उचित मार्गदर्शन और मंच मिले तो ये सफल कलाकार बन सकते हैं। उन्होंने उक्त छात्रा के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
साधारण परिवार से संबंध रखती है गरिमा
सिरमौर जिला के मोगीनंद गांव में जन्मीं गरिमा एक साधारण परिवार से संबंध रखती है। गरिमा के पिता धीरज और माता पूजा मोगीनंद की औद्योगिक इकाई में काम करते हैं। जबकि बड़ा भाई भविष्य मोगीनंद विद्यालय में दसवीं कक्षा का छात्र है। गरिमा ने बताया कि उसे बचपन से ही चित्रकारी का शौक था। वह हर रोज पढ़ाई करने के बाद कुछ समय चित्रकारी का अभ्यास करती है।