Teachers Award Himachal: गुरू हो तो ऐसा, 33 साल की नौकरी में केवल सात छुट्टी, डॉ. नरेश शर्मा को अब तक ब चुके वेस्ट टीचर 

ऊना: Teachers Award Himachal: आजकल, नौकरी मिलने पर लोग समय पर नहीं पहुंचने के लिए बहाने ढूंढते हैं। वहीं छुट्टियां मनाने के लिए भी कई प्रकार के सौदे करते हैं। इसके बावजूद, जिला ऊना से संबंध रखने वाले शिक्षक डॉ. नरेश शर्मा ने 33 साल की नौकरी में सिर्फ सात छुट्टी ली हुई है। डॉ. […]

Teachers Award Himachal: गुरू हो तो ऐसा, 33 साल की नौकरी में केवल सात छुट्टी, डॉ. नरेश शर्मा को अब तक ब चुके वेस्ट टीचर 

ऊना: Teachers Award Himachal: आजकल, नौकरी मिलने पर लोग समय पर नहीं पहुंचने के लिए बहाने ढूंढते हैं। वहीं छुट्टियां मनाने के लिए भी कई प्रकार के सौदे करते हैं। इसके बावजूद, जिला ऊना से संबंध रखने वाले शिक्षक डॉ. नरेश शर्मा ने 33 साल की नौकरी में सिर्फ सात छुट्टी ली हुई है। डॉ. नरेश शर्मा ने अब तक नौदान, धर्मशाला, शाहपुर और नगरोटा बगवां जैसे कई विश्वविद्यालयों में पढ़ाया है। धर्मशाला कॉलेज में डॉ. नरेश शर्मा अंग्रेजी पढ़ाते हैं। डॉ. नरेश शर्मा से शिक्षा प्राप्त करने वाले आज कई विद्यार्थी उच्च पदों पर हैं। डॉ. नरेश शर्मा से शिक्षा प्राप्त करने वाले राकेश, सुरेश, विवेक, राहुल, रमन, गीतांजलि, अमित, कुश और नंदनी ने बताया कि वे भले ही दूसरे शिक्षकों की क्लास छोड़ दें, लेकिन डॉ. नरेश शर्मा की क्लास कभी नहीं छोड़ेंगे।

आज दिन तक डॉ. शर्मा कभी किसी लेक्चर में एक मिनट भी देरी से कक्षा में नहीं पहुंचे हैं। डॉ. नरेश शर्मा ने बताया कि अपने 33 वर्षों के कार्यकाल में उन्होंने सिर्फ सात छुट्टियां आपातकालीन कारणों से ली हैं। उनका कहना था कि दसवीं संस्था ने भी उन्हें वेस्ट टीचर अवार्ड से सम्मानित किया है। पिछले 33 वर्षों में, वे पढ़ाने में इतने खुश रहते हैं कि एक भी प्रमोशन नहीं मिला। उन्हें प्रमोशन मिलेगा, लेकिन बच्चों को पढ़ाने से नहीं मिलेगा। डॉ. शर्मा ने बताया कि उनका नाम गिनीज और लिमका बुक में दर्ज करवाने के लिए 33 साल में कम छुट्टी लेने और लेक्चर मिस नहीं करने के लिए भी गया है। उनका कहना है कि वे लेक्चर के दौरान प्रिंसिपल से मिलने नहीं गए हैं, भले ही उन्होंने कहा कि बच्चों को पढ़ाना सबसे बड़ा धर्म है।