Himachal News: चार-चार नगर निगमों में मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव न करवा पाना राज्य सरकार की नाकामी: जयराम ठाकुर
Himachal News : शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि ढाई साल बीत जाने के बाद नियमानुसार मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव होने है लेकिन राज्य सरकार चुनाव नहीं करवा रही है। जिसकी वजह से चार नगर निगमों के सारे विकास कार्य रुके हुए हैं। सभी नगर निगम आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हैं […]
Himachal News : शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि ढाई साल बीत जाने के बाद नियमानुसार मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव होने है लेकिन राज्य सरकार चुनाव नहीं करवा रही है। जिसकी वजह से चार नगर निगमों के सारे विकास कार्य रुके हुए हैं। सभी नगर निगम आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हैं और चुनाव न होने की वजह से एक भी काम उन क्षेत्रों में नहीं हो पा रहे हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि यह सिर्फ़ सरकार की नाकामी है। जिसके कारण लाखों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आपदा की वजह से प्रदेश भर में भारी नुक़सान हुआ है। इस नुक़सान से उबरने और लोगों को राहत पहुंचाने के लिए ज़िम्मेदार संस्थाओं का सुचारू रूप से कार्य करना अत्यंत आवश्यक है। ऐसे में जब मेयर और डिप्टी मेयर जैसे अहम पदों पर कोई नहीं होगा तो राहत और पुनर्वास के काम प्रभावी तौर पर कैसे हो सकते हैं। मेयर किसी शहर का पहला नागरिक होता हैं।, उसके कार्यक्षेत्र में सभी प्रमुख कार्यों में उनकी अहम भूमिका होती है। जनता द्वारा चुने जाने के कारण जनता के पार्टी उनकी भी जवाबदेही होती हैं। ऐसे में उन्हें कार्य न करने देना लोकतांत्रिक व्यस्था का अपमान हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार हर तरफ़ से तानाशाही की तरफ़ बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि इतने महत्वपूर्ण पदों पर चुनाव न करवाकर सरकार लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश के 5 नगर निगम सहित 60 शहरी निकायों को जारी ग्रांट इन एड से 76 करोड़ रुपए सरकार द्वारा वापस मांग लिया है। इससे त्रासदी के बाद पुनर्वास की योजनाएं बनाने में लगे शहरी निकायों की परेशानी बढ़ गई है। उन्होंने ने कहा कि सरकार द्वारा जारी किए गए धन की आधी राशि वापस मांगना ग़लत है। सरकार द्वारा विकास के लिए जो पैसे भेजे गये थे, उस धनराशि से निर्धारित योजनाओं पर काम शुरू हो गए हैं। ऐसे में उस धनराशि को वापस मांगना हास्यास्पद है।