Himachal Employees Salary || हिमाचल के इतिहास में पहली बार महीने की शुरुआत में कर्मचारियों को नहीं मिली सैलरी, जानिए कब खत्म होगा इंतजार
Himachal Employees Salary And Pension Issue
Himachal Employees Salary || उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश की इतिहास में वेतन और पेंशन को लेकर ऐसा पहले नहीं हुआ था। CM Shukla ने सत्र से पहले ही रविवार को सैलरी और पेंशन पर भरोसा व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने भी कोई आर्थिक संकट बताया है।
Himachal Employees Salary || शिमला: हिमाचल प्रदेश में इन दिनों आर्थिक संकट के बीच कर्मचारियों का वेतन प्रदेश सरकार की ओर से रोक दिया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते दिन प्रदेश के कर्मचारियों के खाते में वेतन आना था। लेकिन नहीं आया हुआ है। ऐसे में कर्मचारियों व पेंशन उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ गई है। वहीं सोमवार को भी कर्मचारियों व पेंशनरों के खाते का मैसेज नहीं आया हुआ है।
एक महीने के वेतन और पेंशन के लिए खजाने में लगभग 2000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। केंद्रीय राजस्व घाटा अनुदान 5 तारीख को सरकारी खजाने में जाता है। अगर सुखविंदर सुक्खू सरकार के पास अभी वेतन और अन्य खर्चों को भुगतान करने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है, तो 5 सितंबर टल जाएगी। वहीं सरकारी सुत्रों के हवाले से आई खबर के मुताबिक 10 सितंबर तक कर्मचारियों को वेतन का इंजतार करना पड़ेगा। 10 सिंतबर को सभी कर्मचारियों को वेतन और पेंशनरों को पेंशन के मैसेज का इंतजार खत्म हो जाएगा।
हिमाचल के इतिहास में पहली बार अटकी कर्मचारियों का वेतन
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश की इतिहास में वेतन और पेंशन को लेकर ऐसा पहले नहीं हुआ था। CM Shukla ने सत्र से पहले ही रविवार को सैलरी और पेंशन पर भरोसा व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने भी कोई आर्थिक संकट बताया है। यही कारण है कि सभी की दृष्टि मोबाइल पर आने वाले मैसेज पर टिकी हुई है। वहीं आज दो बिल भी विधानसभा में प्रस्तुत किए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश कृषि उद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। हिमाचल प्रदेश नगर और ग्राम अधिनियम को दूसरा बिल संशोधित करेगा। लेकिन सदन का ध्यान आर्थिक संकट पर रहेगा।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर किया हमला
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि दो दिन से लोग वेतन की राह देख रहे हैं। फ़ोन के हर मेसेज यही सोचकर चेक करते है कि कहीं वेतन तो नहीं आया। अपने सहकर्मियों और अन्य विभागों के लोगों से फ़ोन करके पूछ रहे हैं कि सैलरी आई क्या? आज तक प्रदेश में ऐसी स्थिति नहीं आई थी कि कर्मचारियों को वेतन के लिए तरसना पड़े। प्रदेश के मुखिया कहते हैं कि कोई आर्थिक संकट नहीं हैं। जब आर्थिक संकट नहीं है तो वेतन क्यों नहीं आ रहा है? सरकार को इस मामले में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि कर्मचारियों का वेतन और पेंशनरों की पेंशन कब आएगी। कर्मचारियों के पास आय के कोई और साधन नहीं होते हैं, उन्हें वेतन से ही परिवार पालना होता है। ऐसे में बिना वेतन के परिवार कैसे पलेगा?
जयराम ठाकुर ने कहा कि कर्मचारी अपने वेतन से ही सारे खर्च वहन करता है। बच्चों की फ़ीस, घर का किराया, होम लोन की किस्तें, पर्सनल लोन की किश्तों के साथ क्रेडिट कार्ड आदि की ईएमआई भी महीने के पहले सप्ताह में देनी होती हैं। घर का किराया से लेकर राशन, बिजली-पानी आदि का खर्च भी महीनें के पहले हफ़्ते में ही देना पड़ता है। लोन की किस्तें न जमा कर पाना अपने आप में बड़ी आफ़त हैं। जिसके कारण जुर्माना से लेकर वित्तीय शुल्क अलग से भरने पड़ते हैं। यह स्थिति किसी भी सूरते हाल में सही नहीं है कि कर्मचारी राज्य सरकार के कर्मों की सज़ा भुगते। मुख्यमंत्री प्रदेश के कर्मचारियों को बताएं कि कब तक कर्मचारियों का वेतन उनके खाते में आएगा।