Himachal News: बालन लकड़ी के दामों में हुई फिर से बढ़ोतरी, पांगी के लोगों को अब 1588 प्रति किंव्टल मिलेगी
पांगी: जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी घाटी में जनता को उनकी प्रमुख मांगों पर अब तक राहत नहीं मिल सकी है। हाल ही में क्षेत्र की समस्याओं को लेकर दो जनप्रतिनिधि पांच दिनों तक भूख हड़ताल पर बैठे थे। इस दौरान प्रदेश सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया था कि बालन लकड़ी के दामों में कटौती की जाएगी। लेकिन इसके बाद 25 नवंबर को सरकार ने नई अधिसूचना जारी की जिसमें बालन लकड़ी के दामों में बढ़ोतरी की गई है।
नई दरें और बढ़ोतरी का विवरणपहले आम नागरिकों को बालन लकड़ी 810 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर उपलब्ध कराई जाती थी जिसे अब बढ़ाकर 850 रुपये कर दिया गया है। वहीं सरकारी विभागों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को पहले 1130 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बालन लकड़ी दी जाती थी जिसे अब 1175 रुपये कर दिया गया है।
जीएसटी और अन्य कर लागू
नई दरों पर जीएसटी और अन्य लागू कर अतिरिक्त रूप से वसूले जाएंगे। आयकर यदि लागू हो तो अलग से वसूला जाएगा जब तक कि छूट के प्रमाण प्रस्तुत न किए जाएं। यह शर्त केवल सरकारी विभागों पर लागू नहीं होगी।
दाह संस्कार और परिवहन के लिए विशेष नियम
हिमाचल प्रदेश में दाह संस्कार के लिए ईंधन की लकड़ी पूर्व निर्धारित दरों पर ही उपलब्ध कराई जाएगी। यदि लकड़ी अन्य डिवीजनों से लाकर आपूर्ति की जाती है तो वास्तविक परिवहन शुल्क अतिरिक्त रूप से लागू होगा।
पुरानी सब्सिडी खत्म लोगों पर बढ़ा बोझ
हिमाचल प्रदेश स्टेट फॉरेस्ट डिपार्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार जनजातीय क्षेत्रों में पहले बालन लकड़ी पर मिलने वाली सब्सिडी को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है। पहले लोगों को 1510 रुपये प्रति क्विंटल की दर से लकड़ी दी जाती थी जिसे अब बढ़ाकर 1588 रुपये कर दिया गया है। जनजातीय सब्सिडी खत्म होने के कारण स्थानीय निवासियों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है।
लोगों में नाराजगी और सरकार से मांग
घाटी के लोगों ने इस निर्णय पर गहरी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि सरकार ने उनके जीवनयापन को और कठिन बना दिया है। जनजातीय क्षेत्रों में सब्सिडी खत्म होने और बढ़ी हुई दरों से लोग परेशान हैं। अब स्थानीय लोगों ने सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है ताकि उन्हें राहत मिल सके।
नोट:
सोशल मीडिया पर दो अधिसूचनाएं वायरल हो रही हैं। इन अधिसूचनाओं में सरकारी फैसलों और दरों में बदलाव की जानकारी दी गई है। वायरल हुई अधिसूचनाओं की सामग्री ने लोगों के बीच चर्चा का विषय बना दिया है। जिने में एक गलत है।
आप इन अधिसूचनाओं को नीचे देख सकते हैं: