बड़ी उपलब्धि : भेड़पालक का बेटा बना असिस्टेंट प्रोफेसर, ऐसा रहा प्राइमरी स्कूल से विश्वविद्यालय तक का सफ़र
चंबा: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के भटियात क्षेत्र के एक युवक ने बड़ी सफलता हांसिल की हुई है। धर्मशाला स्थित हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में भटियात के गांव भौंट के निवासी डॉ. भरत सिंह का चयन हुआ है। विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी यह उपलब्धि हासिल करके भरत सिंह ने क्षेत्र का नाम रोशन किया है और अगली पीढ़ी के लिए आदर्श बन गए हैं।
प्राइमरी स्कूल भौंट से पांचवी तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद भरत सिंह ने बारहवीं की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सिहुंता से उत्तीर्ण की थी। इसके बाद स्नातक व स्नातकोत्तर के आगे की पढ़ाई केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला से पूर्ण करने के बाद भरत ने अपनी पीएचडी की उपाधि गद्दी समुदाय के लोक साहित्य आधारित विषय पर हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय से 2023 में हासिल की थी।
पढ़ाई के दौरान हुआ था माता का निधन
भरत सिंह के लिए हालात सदैव बहुत कठिन रहे हैं। उनके पिता कुंजलाल भेड़पालक हैं, और उनकी माता सुनीता देवी पहले मौत हो गई थीं। भरत एक दुर्गम स्थान पर जन्मे हुए, शुरू से पढ़ाई करने में काफी मुश्किलों का सामना करता था। भरत अपने गांव से दस से बारह किलोमीटर चलकर स्कूल जाया करते थे। कभी-कभी तो समय पर भोजन भी नहीं मिलता था। लेकिन भरत ने अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया और यह मुकाम हासिल किया। Dr. Bhart ने अब तक 23 से अधिक शोध लेख प्रकाशित किए हैं। गद्दी जनजातीय के लोकगीत और नुआला पर आधारित उनकी दो पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं, जो पिछले वर्ष हिमाचल प्रदेश के माननीय राज्यपाल के कर कमलों द्वारा विमोचित की गईं। वर्तमान में डॉ. भरत कांगड़ा डीएवी महाविद्यालय में सहायक आचार्य पद पर कार्यरत हैं।
इस उपलब्धि का श्रेय अपने परिजनों और गुरुजनों को देते हुए भरत ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा में भी अध्यापकों और अभिभावकों के मार्गदर्शन में पढ़ाई के साथ अपने लक्ष्य प्राप्ति हेतु उनकी कड़ी मेहनत ही आज उनकी इस सफलता का मूल आधार बनी है।