Chamba Pangi news|| 7 मार्च को सिविल अस्पताल किलाड़ में आपको नहीं मिलेगें डॉक्टर, परेशानी से पहले पढ़ ले यह खबर

Chamba Pangi news ||  जिले के 51 स्वास्थ्य संस्थानों में नहीं मिलेगी स्वास्थ्य सुविधा, 90 डॉक्टर रहेंगे अवकाश पर गूगल मीटर से ऑनलाइन बैठक में हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने लिया निर्णय

Chamba Pangi news|| 7 मार्च को सिविल अस्पताल किलाड़ में आपको नहीं मिलेगें डॉक्टर, परेशानी से पहले पढ़ ले यह खबर

Chamba Pangi news||  पांगी: जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी में मात्र एक सिविल अस्ताल किलाड़ में तैनात चिकित्सक सात मार्च को छुट्टी पर रहेंगे। इस संबंध में मंगलवार को सभी चिकित्सकों ने BMO पांगी को कैजुअल लीव सौंप दी। और पूरे दिन छुट्टी रखने की अर्जी दी हुई है। इस दिन सिविल अस्पताल किलाड़ में केवल इमरजेंस में डॉक्टर रहेगा बाकि सभी डॉक्टर छुट्टी पर रहेंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मौजूदा समय में सात डॉक्टर तैनात है। ऐसे में सात मार्ग पर यदि अस्पताल में कोई भी डॉक्टर ओपीडी में नहीं रहेगा तो मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। सात मार्च के बाद शायद डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं। ऐसा होने पर मरीजों की समस्या और ज्यादा बढ़ सकती है।

पहले यह हड़ताल तीन मार्च को होनी थी, लेकिन पल्स पोलियाे अभियान को देखते हुए डॉक्टरों ने इसे आगे बढ़ा दिया है। हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन चंबा के अध्यक्ष दिलबाग ठाकुर ने बताया कि चंबा जिले के सभी खंडों के मेडिकल ऑफिसरों के साथ गूगल मीट के जरिये ऑनलाइन बैठक की गई। इस दौरान उन्होंने सात मार्च को होने वाली पूरे दिन की हड़ताल को लेकर भी रूपरेखा तैयार की। इसमें सभी चिकित्सकों ने हामी भरी। इस हड़ताल को सफल बनाने का आश्वासन भी दिया।
उन्होंने बताया कि  पंजाब की तर्ज पर एनपीए मिलना डॉक्टरों का हक है।

Chamba Pangi news|| 7 मार्च को सिविल अस्पताल किलाड़ में आपको नहीं मिलेगें डॉक्टर, परेशानी से पहले पढ़ ले यह खबर
डॉक्टर हाई रिस्क माहौल में अपनी जान की परवाह किए बिना काम करते हैं। 24 घंटे डॉक्टर को सेवाएं देने के लिए तत्पर रहना पड़ता है। इसकी एवज में डॉक्टर को 13 महीने का वेतन नहीं मिलता, बल्कि 12 माह के वेतन पर अन्य कर्मचारियों की तरह डॉक्टर भी अपनी नौकरी करता है। सरकार ने मेडिकल ऑफिसरों की वरिष्ठता सूची आठ सालों से नहीं निकाली है। जो सूची निकाली गई थी, उसमें कई मेडिकल ऑफिसर ऐसे थे, जिनका देहांत हो चुका था। कई मेडिकल कॉलेज की सेवाओं में जा चुके हैं। डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने आम जनता का भी सहयोग मांगा है

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