IIT Mandi में जूनियर्स से रैगिंग करने पर 10 सीनियर छात्र निलंबित, फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स को बनाया मुर्गा
मंडी : IIT Mandi: हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के साथ आईआईटी मंडी में रैगिंग का मामला सामने आया हुआ है। इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है। वहीं पुलिस ने 72 बच्चों के खिलाफ मामला दर्ज किया हुआ है। बताया जा रहा है कि सीनियर्स ने […]
मंडी : IIT Mandi: हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के साथ आईआईटी मंडी में रैगिंग का मामला सामने आया हुआ है। इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है। वहीं पुलिस ने 72 बच्चों के खिलाफ मामला दर्ज किया हुआ है। बताया जा रहा है कि सीनियर्स ने पार्टी के बहाने जूनियर्स को बुला लिया, उन्हें कई घंटे खड़ा रखा और उठक बैठक करवाई। हालाँकि, यह मामला पिछले महीने का है और संस्थान प्रबंधन ने अपने स्तर पर कार्रवाई की जब मामला सामने आया था। मामले की जांच की गई और दस सीनियर छात्रों को निलंबित कर छात्रावास से बाहर कर दिया गया है। इस मामले में शामिल 72 अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर भी 15000 से 15000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही संस्थान ने अभिभावकों को बुलाया है। सूत्रों का कहना है कि 11 अगस्त को घटना हुई थी। 20 अगस्त को आईआईटी मंडी के निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मीदत्त बेहरा ने रैगिंग करने वाले सभी छात्रों को पत्र भेजा था। जिसमें इन विद्यार्थियों द्वारा लक्ष्मण रेखा पार करने की चर्चा की गई थी।
जानकारी के अनुसार, आईआईटी मंडी के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को सीनियर विद्यार्थियों ने फ्रेशर पार्टी करने के बहाने बुलाया और फिर उनके साथ रैगिंग की गई। नव वर्ष के विद्यार्थियों को मुर्गा बनाया गया था। उन्हें उठाकर दीवार के तरफ मुंह लगाकर घन्टो खड़ा रखा गया। उन्हें गंदे इशारे दिए गए और अपशब्द भी कहे गए। यह सब करने से पहले, नए विद्यार्थियों के मोबाइल फोन भी बंद कर दिए गए। आईआईटी मंडी प्रबंधन ने मामले को एंटी रैगिंग सेल में भेजा। बाद में आईआईटी प्रबंधन ने दस विद्यार्थियों को छह महीने के लिए बाहर कर दिया। उन्होंने छात्रावासों को भी खाली करवा दिया है।विभिन्न ट्रेड के वरिष्ठ विद्यार्थियों ने प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को अपनी कक्षा में मिलने और मिलने के बहाने बुलाया। परिचय के बाद उन्हें मुर्गा बनने का आदेश दिया गया। मुर्गा बनाने के बाद कई घंटे तक दीवार के सामने खड़ा रहा। साथ में उठक बैठक हुई। जब संस्थान प्रबंधन को मामला पता चला, तो इसकी जांच की गई। CCTV फुटेज खंगालने के बाद आरोपी सीनियर की पहचान हुई। जब मामला एंटी रैगिंग कमेटी को भेजा गया, जांच में आरोप सही पाए गए। एंटी रैगिंग कमेटी ने निलंबन, छात्रावास खाली करवाने और दंड की सिफारिश की। इसके आधार पर आरोपित सीनियर विद्यार्थियों को गिरफ्तार किया गया है।