बड़ी उपलब्धि: चीन की यूनिवर्सिटी में पढ़ाएगा हिमाचल के किसान का बेटा, बना असिस्टेंट प्रोफेसर
मंडी: Himachal Pradesh हर दिन शिक्षा में सुधार कर रहा है। यहां पढ़े लिखे युवा आज देश भर में अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं। प्रदेश के युवा भी हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन होकर देश को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। हिमाचल की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद यहां के […]
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मंडी: Himachal Pradesh हर दिन शिक्षा में सुधार कर रहा है। यहां पढ़े लिखे युवा आज देश भर में अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं। प्रदेश के युवा भी हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन होकर देश को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। हिमाचल की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद यहां के युवा देश विश्व भर में हिमाचल का नाम रौशन कर रहे हैं। ऐसे ही एक युवा ने अपनी प्रतिभा के कारण अब विदेश में नौकरी पाई है।
Chinese University में हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के 30 वर्षीय युवा का चयन हुआ है। अब हिमाचल प्रदेश का युवा यानी एक Chinese University में विद्यार्थियों को शिक्षित करेगा। यह रोपड़ी गांव युवक मंडी जिले के दुर्गम सराज क्षेत्र की ग्राम पंचायत शिल्हीबागी में है। 30 वर्षीय डॉ. संजय कुमार युवक है। संजय कुमार चीन की यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम करेगा।![बड़ी उपलब्धि: चीन की यूनिवर्सिटी में पढ़ाएगा हिमाचल के किसान का बेटा, बना असिस्टेंट प्रोफेसर](https://pangighatidanikapatrika.in/media-webp/2023-08/patrika-news-himachal-139.jpg)
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संजय ने बताया कि बचपन से ही उनका सपना था कि वह विदेश जाकर वहां के बच्चों को पढ़ाऊँगा। जो उन्होंने ऑनलाइन आवेदन किया था। डॉ. संजय ने बताया कि उनका चयन चीन की जियोतोंग यूनिवर्सिटी में कई ऑनलाइन इंटरव्यू के बाद हुआ था। उनका कहना था कि वे चार वर्ष के लिए अनुबंध के आधार पर नियुक्त हुए हैं। इस दौरान प्रति वर्ष २५ लाख रुपये का पैकेज मिलेगा।
डॉ. संजय कुमार मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं। उनके पिता भीमसिंह गांव में रहकर खेती करते हैं। वहीं उनकी माता डोमला देवी घरेलू काम करती हैं। थुनाग स्कूल से डॉ. संजय ने बारहवीं तक पढ़ाई की है। बाद में उन्होंने बासा के डिग्री कॉलेज से डिग्री प्राप्त की। Dr. संजय ने HPU से मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद JP University से फिजिक्स में पीएचडी किया। इस दौरान, उन्होंने बतौर शिक्षक भी कई निजी संस्थानों में काम किया। Dr. संजय कुमार ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और शिक्षकों को दिया है। उन्होंने बताया कि उनके परिवार ने हमेशा उनका साथ दिया। हर फैसले में वह उनके साथ रहे। जिसके चलते ही उन्होंने जमकर मेहनत की और अपने सपने का साकार किया।