हिमाचल: खड्ड में बह गए जल शक्ति विभाग के जेई, काफी समत पानी में तड़पने के बाद तोड़ा दम

कांगड़ा। हिमाचल में भारी बारिश से बिगड़े हालातों का विभागो के बड़े अधिकारी भी फिल्ड में उतर कर जायजा ले रहे हैं। इसी तरह का जायजा ले रहे जल शक्ति विभाग के कनिष्ठ अभियंता के खड्ड में बहने की सूचना मिली है।  मामला सूबे के जिला कांगड़ा से सामने आया है, जहां जल शक्ति विभाग के […]

हिमाचल: खड्ड में बह गए जल शक्ति विभाग के जेई, काफी समत पानी में तड़पने के बाद तोड़ा दम

कांगड़ा। हिमाचल में भारी बारिश से बिगड़े हालातों का विभागो के बड़े अधिकारी भी फिल्ड में उतर कर जायजा ले रहे हैं। इसी तरह का जायजा ले रहे जल शक्ति विभाग के कनिष्ठ अभियंता के खड्ड में बहने की सूचना मिली है।  मामला सूबे के जिला कांगड़ा से सामने आया है, जहां जल शक्ति विभाग के एक कनिष्ठ अभियंता राजेश चौधरी पेयजल योजना का जायजा लेते समय खड्ड में बह गए। बताया जा रहा है कि हादसे के समय उनके साथ अन्य तीन कर्मचारी भी साथ में थे।

कांगड़ा के दौलतपुर से सामने आया मामला

मिल रही जानकारी के अनुसार जिला कांगड़ा के तहत आते दौलतपुर के पास जलाड़ी गांव में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। यहां जल शक्ति विभाग के कनिष्ठ अभियंता राजेश चौधरी अपने अन्य तीन कर्मचारियों के साथ पेयजल दुरुस्ती व नुक्सान के आंकलन का कार्य कर रहे थे।

लैंडस्लाइड से घबराए खड्ड में गिरे कनिष्ठ अभियंता

हिमाचल: खड्ड में बह गए जल शक्ति विभाग के जेई, काफी समत पानी में तड़पने के बाद तोड़ा दम
इस बीच जब कनिष्ठ अभियंता राजेश चौधरी नुक्सान की रिपोर्ट अपनी डायरी पर लिख रहे थे उस समय अचानक उनके पास में लैंडस्लाइड हुआ। अपने काम में व्यस्त कनिष्ठ अभियंता लैंडस्लाइड से हुई आवाज से हड़बड़ा गए। इसी हड़बड़ाहट के चलते वो अपना संतुलन खो बैठे और साथ बह रही बनेर खड्ड में बह गए।

कांगड़ा के सहौड़ा गांव के रहने वाले हैं जेई राजेश चौधरी

कनिष्ठ अभियंता राजेश चौधरी कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के पुलिस थाना गगल के तहत आते सहौड़ा गांव के रहने वाले हैं। बताया जा रहा है कि अभी हाल ही में वह प्रमोट होकर कनिष्ट अभियंता बने थे। वहीं यह हादसा कांगड़ा पुलिस स्टेशन के तहत जलाड़ी में जल शक्ति विभाग के पंप हाउस में यह हादसा हुआ। यह पंप हाउस संगम नामक स्थान पर स्थित है।

100 मीटर तक दिखने के बाद हुए औझल

बनेर खड्ड में गिरते ही साथ खड़े तीनों कर्मचारी उनको पकड़ने के लिए खड्ड के किनारे भागते रहे। मगर तकरीबन 100 मीटर तक खड्ड के किनारे भागने के बाद भी उन्हें कनिष्ठ अभियंता को खड्ड से बाहर निकालने का मौक़ा नही मिला। कर्मचारियों ने बताया कि 100 मीटर तक लगातार पीछा करने के बाद अचानक कनिष्ठ अभियंता पानी के तेज बहाव के चलते आंखों से ओझल गए। जिनकी तलाश लगातार जारी है, मगर अबतक भी कोई सुराग नहीं मिल पाया है।

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एसडीआरएफ की टीम को बुलाया

उधर मौके पर पहुंचे जल शक्ति विभाग के चीफ़ इंजीनियर दीपक गर्ग ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम को मौके पर बुलाया गया है। बनेर खड्ड के कुछ आगे जाकर डैम है। एसडीआरएफ की टीम डैम साइट पर लगातार तलाश कर रही है। लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है।

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