Chamba Pangi News || केंद्र सरकार को इन समस्याओं से पंगवाल समूदाय ने करवाया अगवत, मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कही बड़ी बात
Chamba Pangi News धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी घाटी का एक प्रतिनिधि मंडल पंगवाल एकता मंच के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर की अगुवाई में दिल्ली पहुंची। पंगवाली वेशभूषा में दिल्ली में पहुंचा इस प्रतिनिधि मंडल ने सबसे पहले पांगी घाटी की चहैणी सुरंग वह अलग विधानसभा क्षेत्र का मांग पत्र […]
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Chamba Pangi News धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी घाटी का एक प्रतिनिधि मंडल पंगवाल एकता मंच के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर की अगुवाई में दिल्ली पहुंची। पंगवाली वेशभूषा में दिल्ली में पहुंचा इस प्रतिनिधि मंडल ने सबसे पहले पांगी घाटी की चहैणी सुरंग वह अलग विधानसभा क्षेत्र का मांग पत्र भारत निर्वाचन आयोग को सौंपा वही दूसरा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को दिया गया। इसके अलावा प्रतिनिधि मंडल की ओर से गृह मंत्रालय को भी ज्ञापन दिया गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, मंडी लोकसभा सांसद प्रतिभा सिंह, राज्यसभा सांसद हिमाचल प्रदेश डॉक्टर सिकंदर कुमार, राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को ज्ञापन सौंपा गया। प्रतिनिधि मंडल की ओर से केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वह केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को भी ज्ञापन भेजा गया है।
पांगी की समस्या उठाने पर राज्यसभा सांसद हिमाचल प्रदेश डॉक्टर सिकंदर कुमार का धन्यावाद :त्रिलोक ठाकुर
इन समस्याओं से केंद्र सरकार को करवाया अगवत || Chamba Pangi News
1. पाँगी विधान सभा क्षेत्र की बहाली || Restoration of Pangi assembly constituency![Chamba Pangi News || केंद्र सरकार को इन समस्याओं से पंगवाल समूदाय ने करवाया अगवत, मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कही बड़ी बात](https://pangighatidanikapatrika.in/media-webp/2023-12/patrika-news-himachal-photo1-242.jpg)
- 1. किन्नौरा, जिला किन्नौर
- 2. लहुला जिला लाहौल स्पिती
- 3. पंगवाल जिला चंबा और गद्दी जिला चंबा। प्रत्येक समुदाय की अपनी अलग संस्कृति/भूगोल / इतिहास, और बोली है तथा एक दूसरे के प्रभाव से स्वतन्त्र हैं, तो फिर ये पंगवाल जनजाति के उपर गद्दी जनजाति का प्रभुत्व क्यों?
भोगोलिक दृष्टि से पांगी और भरमौर क्षेत्र विपरीत दिशाओं में स्थित है। पाँगी हिमाचल प्रदेश के उत्तर छोरऔर भरमौर दक्षिण छोर पर स्थित है और बीच में साच जोत (Sach Pass) और विशाल पीर पंजाल पर्वतमाला क्षेत्र आता है। पांगी से भरमौर की दूरी 300 कि० मी० वाया साच पास- चुराह,चंबा से है और 1000 कि० मीटर वाया जम्मू कश्मीर , मनाली कुल्लू से है। पंगवाल जनजाति एक स्वतंत्र जनजाति है जिसका अपना अलग इतिहास,क्षेत्र,संस्कृति,भाषा,बोली,और पहचान है, जिसका गद्दी जनजाति से कोई भी मेल- मिलाप नहीं है। पांगी घाटी चम्बा राजा की रियासत काल में भी एक विशेष वजारत रहा है जिसका इतिहास साक्षी है।
केंद्र सरकार एक बार सुन भी लो पंगवाल समुदाय की इन समस्याओं को कई सालों से जूझ रहे हैं अपनी भौगोलिक स्थिति से @ANI @ianuragthakur @nitin_gadkari @narendramodi @SukhuSukhvinder @jairamthakurbjp pic.twitter.com/t0E69Pxfox
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देश के लोकप्रिए प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शी सोच और गतिशील नेतृत्व के रहते अभी हाल ही में भारत की संसद ने एक ऐतिहासिक नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 (Women Reservation bill 2023) पारित किया जिसके अन्तर्गत सरकार का यह आधिकारिक बयान संसद में आया कि 2024 लोक सभा चुनावों के तुरन्त बाद भारत की जनगणना और उसके पश्चात डेलिमिटेशन प्रक्रिया आरम्भ की जाएगी ।
अब यह स्पष्ट है कि 2026 तक delimitation पर लगी रोक हटेगी और एक बार फिर विधनसभा क्षेत्रों की समीक्षा होगी जिसके लिए delimitation Commission बनेगा।
इसी उम्मीद के साथ पंगवाल एकता मंच पांगी. का यह वृहद प्रतिनिधि मण्डल अपनी प्रमुख पंगवाल जनजाति की वेशभूषा में 25 हजार पंगवाल समुदाय की तरफ से “पांगी विधान सभा क्षेत्र # 1952-66” की बहाली का आधिकारिक ज्ञापन सौंपने देश की राजधानी नई दिल्ली पहुंचा है और ये ज्ञापन भारत सरकार और उसके संवैधानिक निकाय भारत निर्वाचन आयोग को सौंपे गए हैं ।हम आशावादी है कि निकट भविष्य में हमें हमारा छीना गया संवैधानिक अधिकार अवश्य पुनः प्राप्त होगा।
2 ,इसके अतिरिक्त दूसरा महत्वपूर्ण मुदा चेहनी पास सुरंग” निर्माण को ले कर है। यह प्रस्तावित परियोजना In principle declared National Highway द्रमण चुवारी – जोत _चंबा _तिस्सा _ किलाड़ (पांगी) के बीच स्थित चेहनी जोत के नीचे 9_10 किलोमीटर सुरंग प्रस्तावित है।ये पंगवाल समुदाय की वर्ष 1970-71 से लगातार उठाई गई आवाज हे जिसे अभी तक अनसुना कर दिया गया है। हमारी मांग के बहुत बाद अटल टनल रोहतांग, जोजिला पास सुरंग,और शिंकुला पास सुरंगों का निर्माण किया जा चुका है या किया जा रहा है। हमोर साथ यह भेद भाव क्यों ? साच पास दर्रा प्रत्येक वर्ष 15 अक्टूबर को भारी हिमपात से बन्द कर दिया जाता है और 15 जून से पहले यातायात के लिए खुलता नहीं है मतलब 7 महीने बर्फ की कैद में 25हजार पगवाल जनजाति मजबूर होती है। यदि यह सुरंग बनती है, तो 25 हजार जनजाति को भी शेष विश्व और अपने जिला मुख्यालय चम्बा से 12 महीने निर्वाध यातायात सुविधा मिलेगी ।
• दूसरी तरफ यह मार्ग सुरक्षा की दृष्टि से भी एक और वैकल्पिक मार्ग साबित होगा। क्योंकि पठानकोट से चम्बा – तीसा – चैहनी पास टनल होते हुए किलाइ पहुंचकर यह मार्ग BRO के संसारीनाला – किलाड़- उदयपुर थिरोट – तांदी (SKTT) को टच करता है। जिससे दोनों तरफ, किश्तवाड – डोडा- बटोत-श्रीनगर और लाहोल – लदाख को शीघ्र गंतव्य दे सकता है। हमारा सरकार विशेषकर प्रधान मन्त्री ,भूतल परिवहन और राष्ट्रीय उच्च मार्ग मन्त्री जी से अनुरोध रहेगा कि इस महत्वपूर्ण परियोजना को अवश्य अमलीजामा पहनाएँ।