फैक्ट चेक: संभल की शाही जामा मस्जिद के अंदर न मिला है मंदिर, न मूर्तियां, भ्रामक है ये दावा
Fact-checked by India Today: उत्तर प्रदेश के संभल जिले के मंदिर-मस्जिद विवाद में एक नया मोड़ तब आया जब 14 दिसंबर को शहर के एक इलाके में कई सालों से बंद मंदिर को खोल कर उसमें पूजा-अर्चना की गई. इस मंदिर के अंदर हनुमान और शिव की मूर्तियां भी मिली हैं. इसके साथ ही एक कुएं की खुदाई में भी देवी-देवताओं की मूर्तियां मिलने की भी खबरें सामने आई हैं. इस बीच कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि ये मूर्तियां उसी शाही जामा मस्जिद के अंदर मिली हैं, जिसके सर्वे के दौरान 24 नवंबर को हिंसा भड़की थी.
पड़ताल
खबरों के अनुसार, जिस मंदिर को 14 दिसंबर को खोला गया वो खग्गू सराय इलाके में है. इस मंदिर के अंदर संभल पुलिस के सर्कल ऑफिसर अनुज चौधरी ने पूजा पाठ की थी. किसी भी न्यूज रिपोर्ट में इस मंदिर को शाही जामा मस्जिद से संबंधित नहीं बताया गया है. जिस कुएं से मूर्तियां मिलीं, वो भी मंदिर के ठीक सामने है. इसी इलाके की नियारियां मस्जिद के बाहर बने कुएं को भी खोदा गया है. मूर्तियां मिलने से जुड़ी खबरों में भी कहीं ये नहीं लिखा है कि मूर्तियां शाही जामा मस्जिद के अंदर मिली हैं.जिस मंदिर में 14 दिसंबर को पूजा की गई थी, हमने उसे गूगल मैप्स पर खोज निकाला, यहां इसका नाम संभलेश्वर महादेव मंदिर लिखा है. गूगल मैप्स के अनुसार, ये जगह शाही जामा मस्जिद से करीब 1 किलोमीटर दूर है.
नियारियां मस्जिद की दूरी भी शाही जामा मस्जिद से करीब डेढ़ किलोमीटर है.
आजतक संवाददाता अरविंद ओझा ने भी यही बताया कि मूर्तियां मस्जिद के अंदर नहीं, बल्कि उससे करीब डेढ़ किलोमीटर दूर मिली हैं.
शाही जामा मस्जिद कमेटी के सचिव और एडवोकेट मशहूर अली खान का भी यही कहना है कि शाही जामा मस्जिद के अंदर कोई खुदाई हुई ही नहीं है.
निष्कर्ष
हमारी इस पड़ताल से साफ है कि अभी तक संभल की शाही जामा मस्जिद से मूर्ति मिलना तो दूर, वहां कोई खुदाई भी नहीं हुई है. वायरल पोस्ट के जरिए भ्रम फैलाया जा रहा है.
(This story was originally published by India Today, and republished by PGDP as part of the Shakti Collective.)