Bank Jobs : बैंकों में रखे जाएंगे ग्रेजुएट अप्रेन्टिस, कितनी होगी सैलरी और क्या काम करेंगे?
Bank Jobs : देश के करोड़ों ग्रेजुएट्स के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है. देश के बैंक अगले एक महीने में ग्रेजुट्स को नौकरी देने जा रहे हैं. अभी इस बात का खुलासा नहीं हुआ है कि कितने ग्रेजुएट्स को नौकरी मिलेगी.
Bank Jobs : बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने एक करोड़ युवाओं को अप्रेन्टिस (handyman) पर रखने का वादा किया था। भारतीय बैंक संघ (Indian Banks Association) ने इसके बाद ऐसा किया है। इसके तहत अगले महीने नौकरी मिलने की उम्मीद है। बैंकों ने ग्रेजुएटों को "अप्रेन्टिस" (graduates as "apprentices") के रूप में भर्ती करने का प्लान बनाया है।
25 साल से कम उम्र वाले उम्मीदवारों (candidates) की भर्ती अगले महीने से भी कम में शुरू की जाएगी। इंडस् ट्री लॉबी ग्रुप (Industry Lobby Group) भारतीय बैंक संघ (IBA) के मुख्य कार्यकारी सुनील मेहता ने बताया कि बैंक ऐसे इंटर्न को 5,000 रुपये प्रति महीने का स्टाइपेंड (stipend) देंगे, जिसमें उन्हें ऑफिस के दौरान स्पेसिफिक स्किल ट्रेनिंग (specific skill training) दी जाएगी। बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) की घोषणा के बाद यह कदम उठाया गया है।एक करोड़ युवाओं को 500 कंपनियों में इंटर्नशिप का लक्ष्य
अगले पांच साल में सरकार (Government) का लक्ष्य है कि टॉप 500 कंपनियों में एक करोड़ युवा इंटर्नशिप प्राप्त करें। मेहता ने कहा, "ऐसे कई सेक्टर हैं, जहां हमें स्किल्ड मैनपावर (Skilled Manpower) की जरूरत नहीं है, जैसे मार्केटिंग, रिकवरी (marketing, recovery) " हम उन क्षेत्रों में ट्रेनिंग (Training) दे सकते हैं और नौकरी के अवसर खोज सकते हैं।मेहता ने कहा कि "अप्रेन्टिस" (handyman) के लिए आवेदन करने वालों की उम्र 21 से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए और उन्होंने ग्रेजुएट डिग्री (graduate degree) प्राप्त की होनी चाहिए।
ऐसे उम्मीदवारों की भर्ती नहीं होगी
इसके अलावा, उम्मीदवार (candidate) को आईआईटी या आईआईएम (IIT or IIM) जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय (university) से डिग्री नहीं होनी चाहिए। मेहता ने कहा कि 12 महीने तक काम करने वाले इंटर्न को बैंकिंग सेवाओं (Banking services to interns) को अंतिम छोर तक ले जाने के लिए व्यवसाय पुनर्गठन (Business Reorganization) जैसे अन्य क्षेत्रों में भी रखा जाएगा। मेहता ने कहा कि ऐसे उम्मीदवार (candidate) बैंकों में काम करने के बाद "गायब" नहीं होंगे, बल्कि उनमें से कुछ को कर्मचारी (Employee) बनाया जा सकता है।
मेहता ने कहा कि आईबीए ने कॉरपोरेट मामलों (corporate affairs) के मंत्रालय के सचिव से योजना के कार्यान्वयन पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इसे एक महीने के भीतर लागू किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बैंक कितने अप्रेन्टिस (handyman) नियुक्त करेंगे, लेकिन सभी बैंक इस अभियान में शामिल होंगे। उनका कहना था कि योजना को लागू करने में भी सरकार का सहयोग मिलेगा।