Himachal News || पहाड़ों में बच्चों पर मंडरा रहा मोटापे का खतरा, 56 फीसदी लोग मोटापे के शिकार, ICMR की रिपोर्ट में हुआ तगड़ा खुलासा

Himachal News || हिमाचल प्रदेश में भी मोटापा तेजी से बढ़ने लगा है। खानपान और शारीरिक व्यायाम की कमी इसका मुख्य कारण है। यही नहीं, अधिकांश बच्चे मोटा होने लगे हैं। बच्चों में मोटापे का सबसे बड़ा कारण जंक फूड खाना और अधिक टीवी देखना है। हिमाचल प्रदेश में मोटापे की स्थिति को लेकर आईजीएमसी […]

Himachal News || पहाड़ों में बच्चों पर मंडरा रहा मोटापे का खतरा, 56 फीसदी लोग मोटापे के शिकार, ICMR की रिपोर्ट में हुआ तगड़ा खुलासा

Himachal News || हिमाचल प्रदेश में भी मोटापा तेजी से बढ़ने लगा है। खानपान और शारीरिक व्यायाम की कमी इसका मुख्य कारण है। यही नहीं, अधिकांश बच्चे मोटा होने लगे हैं। बच्चों में मोटापे का सबसे बड़ा कारण जंक फूड खाना और अधिक टीवी देखना है। हिमाचल प्रदेश में मोटापे की स्थिति को लेकर आईजीएमसी अस्पताल में मेडिसिन विभाग में एचओडी डॉ. बलवीर वर्मा ने बताया कि मोटापा अब शहर से गांव की ओर बढ़ने लगा है। इसका कारण लोगों की खान-पान में बदलाव और शारीरिक गतिविधि में कमी है। गांव में लोग काम करते थे और पीठ पर बोझ ढोते थे। वह इससे पूरी तरह फिट रहते थे, लेकिन आज गाड़ियां हैं। लोग बस गाड़ी में अपना सामान लेकर आते हैं। गांव में सड़क भी बन गई है। अब लोग खेतों का सामान भी गाड़ी में ढोते हैं। ऐसे में फिजिकल एक्टिविटीज में कमी से मोटापा बढ़ने लगा है।

10 से 12 साल के बच्चे मोटापे का शिकार

हिमाचल में 10 से 12 साल तक के बच्चों में भी मोटापा देखने को मिल रहा है. डॉ. बलवीर वर्मा ने बताया कि 40 से 50 साल के कई वृद्ध अभी भी फिट हैं जो नियमित व्यायाम करते हैं और फिजिकल एक्टिविटीज करते रहते हैं, लेकिन बच्चे मानो खेलना बिलकुल भूल ही गए हैं. जंक फूड, मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल, टीवी अधिक समय तक देखना और टीवी देखते-देखते जंक फूड खाना यह मोटापे का कारण बन रहा है. 12 साल के बच्चों में भी कोलेस्ट्रॉल होने लगा है, जो चिंता का विषय है.

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उन्होंने कहा कि बेकरी प्रोडक्ट लगातार खाना नुकसान देय है. यह मोटापे का एक मुख्य कारण है. हिमाचल प्रदेश के लोगों की खराब लाइफ स्टाइल और आरामपूर्ण जीवनशैली ने उनका वजन अप्रत्याशित रूप से बढ़ा दिया है और वे एब्डोमिनल ओबेसिटी, यानी कई रोगों का कारण बनने वाले पेट के माटापे की चपेट में आ गए हैं। हिमाचल प्रदेश के लगभग 60% लोगों ने इस घातक पेट का माटा पाया है। देश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की तुलना में पेट का माटापा कहीं अधिक है।

कैसे करें मोटापे से बचाव?

इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के जुड़े डॉ. बलवीर वर्मा का कहना है कि मोटापे से बचाव के लिए जीवन शैली में बदलाव लाना बेहद जरूरी है. आज हम लोग आराम की जिंदगी जीना पसंद कर रहे हैं, जबकि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम बेहद जरूरी है. इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करना शरीर के लिए जरूरी माना जाता है.

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