ICMR Report में हुआ बड़ा खुलासा, डॉक्टर की लापरवाही के कारण लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़, 13 बड़े सरकारी अस्पतालों फर्जी डॉक्टर
Uttarakhand News || ICMR Report: Incomplete and wrong Prescriptions in Hospitals
Uttarakhand News || इस रिपोर्ट को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने 13 प्रसिद्ध सरकारी अस्पतालों का सर्वे कराकर बनाया है। केंद्र सरकार जल्द ही इस लापरवाही को रोकने के लिए कठोर कार्रवाई कर सकती है।
Uttarakhand News || इस रिपोर्ट को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने 13 प्रसिद्ध सरकारी अस्पतालों का सर्वे कराकर बनाया है। केंद्र सरकार जल्द ही इस लापरवाही को रोकने के लिए कठोर कार्रवाई कर सकती है। हम किसी को भी बीमार होने पर अस्पताल ले जाते हैं और उम्मीद करते हैं कि वे जल्दी से स्वस्थ होकर वापस घर आ जाएंगे। लेकिन आपको पता है कि 45% डॉक्टरों ने अपने मरीजों की सेहत को खराब कर दिया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने पाया कि लगभग 45% डॉक्टर आधा-अधूरा पर्चा लिख रहे हैं, जो मरीजों के स्वास्थ्य से सीधे खिलवाड़ करता है।ICMR ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि OPD में मरीजों को प्रारंभिक चिकित्सा सलाह देने वाले डॉक्टर बहुत लापरवाही कर रहे हैं। 13 प्रमुख सरकारी अस्पतालों का सर्वे करने के बाद ICMR की रिपोर्ट पर केंद्र सरकार जल्द ही गंभीर कार्रवाई कर सकती है।
13 बड़े सरकारी अस्पतालों में गलत पर्चे
दुनिया भर में 50% पर्चे गलत हैं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 1985 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तर्कसंगत दिशा-निर्देशों को लागू किया। फिर भी दुनिया भर में लगभग पचास प्रतिशत मरीजों को गलत तरीके से दवाएं दी जाती हैं। ज्यादातर मरीजों को यह भी नहीं पता कि उन्हें किस परेशानी के लिए कौन सी दवा दी जा रही है और यह कब तक लेना चाहिए। इसलिए रोगियों का उपचार नैदानिक अभ्यास पर आधारित होना चाहिए। एक रिपोर्ट के अनुसार, 475 परचों में से कुछ अमेरिकी तो कुछ ब्रिटिश दिशा-निर्देशों पर आधारित थे।
18 साल के अभ्यास के बावजूद गलती
परीक्षण के अनुसार, प्रिस्क्रिप्शन लिखने वाले लगभग सभी डॉक्टर स्नातकोत्तर हैं और चार से 18 वर्ष तक प्रैक्टिस कर चुके हैं। मरीज को पर्चे में कोई जानकारी नहीं दी गई, जैसे दवा की खुराक, लेने की अवधि, कितनी बार लेना चाहिए और दवा का फॉर्मूलेशन।