दूसरों को कार-बाइक की चाबी देने से पहले जान लें ये नियम, एक्सीडेंट हुआ तो जाना पड़ेगा जेल
Underage Driving Punishment In India || यदि किसी ने आपकी कार या बाइक से किसी को टक्कर मार दी और उसकी जान चली गई, तो किसे दोषी ठहराया जाएगा और किसे सजा दी जाएगी? आप भी इस सवाल का जवाब जानना चाहिए अगर आप किसी को अपनी कार या बाइक (car or bike) की चाबी देते हैं। बहुत से माता-पिता अपने नाबालिग (parents of their minor) बच्चों को अपनी कार की चाबी बिना सोचे-समझे देते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो जानिए कि दुर्घटना के दौरान किसे दोषी ठहराया जाएगा।
नाबालिग को गाड़ी देने की सजा क्या है?
नाबालिग को वाहन (vehicle to minor) चलाने देना कानूनन अपराध है। मोटर वाहन कानून (motor vehicle law) के अनुसार कार-बाइक या किसी भी वाहन को चलाने वाले की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष (Minimum age 18 years) होनी चाहिए। नाबालिग बच्चों को बाइक या कार की चाबी देना अपराध माना जाएगा। यदि उस वाहन से Accident में किसी की जान चली जाए तो माता पिता भी इस केस में आरोपी होंगे। इस मामले में माता-पिता को तीन साल तक की सजा और 25 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है, मोटर वाहन कानून के अनुसार। वाहन का रजिस्ट्रेशन (vehicle registration) भी 12 महीने तक रद्द किया जा सकता है।कानून क्या कहता है?
मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 005 और 195 स्पष्ट रूप से कहते हैं कि अगर आप एक नाबालिग को गाड़ी की चाबी देते हैं और कोई सड़क हादसा होता है, तो माता-पिता भी इस मामले में उतने ही दोषी हैं जितना कि नाबालिग। यही कारण है कि अगली बार किसी को अपने वाहन की चाबी देने से पहले आपको पता होना चाहिए कि व्यक्ति नाबालिग है या नहीं।