Hanuman Mantra: मंगलवार को बस इन शक्तिशाली मंत्रों का करें जाप, बड़ी से बड़ी समस्या का होगा समाधान
न्यूज हाइलाइट्स
Hanuman Mantra: मंगलवार का दिन, श्री Hanuman जी की पूजा के लिए कुछ खास ही होता है। जैसे ही मंगलवार आता है, हर भक्त के दिल में एक अद्भुत श्रद्धा और भक्ति की लहर दौड़ जाती है। Hanuman जी, वो जो रामजी के अनन्य सेवक और संजीवनी के वाहक हैं, संकटमोचन कहलाते हैं। उनका नाम लेते ही जीवन के सारे दुख, भय, क्रोध और समस्याएं एक पल में दूर होने लगती हैं।
जब आप मंगलवार को सुबह उठते हैं और पूजा की तैयारी करते हैं, मानो हर चीज़ पवित्र हो जाती है। धूप की सुगंध, मंत्रों की गूंज, और वो शांत, पवित्र माहौल, सब कुछ ऐसा महसूस होता है जैसे Hanuman जी आपके पास हों, आपकी सुन रहे हों, आपकी हर समस्या को हल कर रहे हों। उनकी मूर्ति के सामने खड़े होकर जो दिल से प्रार्थना की जाती है, वो सीधे आशीर्वाद में बदल जाती है।
ज्योतिष के अनुसार भी, Hanuman जी की पूजा से मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं। लेकिन यह सिर्फ ज्योतिष तक सीमित नहीं है। यह एक आत्मीय अनुभव है, एक आंतरिक शांति और संतुलन का। पूजा के दौरान हर मंत्र, हर फूल, हर दीपक Hanuman जी को अर्पित करते समय, दिल में एक उम्मीद और शक्ति का जन्म होता है।
और केवल मंगल ही नहीं, शनि की बाधाएं भी मानो Hanuman जी के सामने तुच्छ हो जाती हैं। वे अपने भक्तों की हर कठिनाई को चुटकी में हल कर देते हैं। इसलिए, जब आप अगले मंगलवार को उनकी पूजा करें, तो दिल में पूरी श्रद्धा और भक्ति लेकर बैठें। उनकी कृपा से आपके जीवन में वो सकारात्मकता और सुख जरूर आएंगे, जिनकी आप कामना करते हैं। Hanuman जी की पूजा केवल एक परंपरा नहीं है, यह एक अद्भुत अनुभव है जो हर मंगलवार को हमें उनके प्रति और करीब लाता है। अगर आप भी Hanuman जी की कृपा पाना चाहते हैं, तो इस मंगलवार को उनकी पूजा करें और उनके विशेष मंत्रों का जाप करें।
हनुमान जी के मंत्र (Hanuman Mantra)
मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय
सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।।
आदिदेव नमस्तुभ्यं सप्तसप्ते दिवाकर!
त्वं रवे तारय स्वास्मानस्मात्संसार सागरात!!
ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा।
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय पच्चवदनाय
पूर्वमुखे सकलशत्रुसंहारकाय रामदूताय स्वाहा।
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय
प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय रामसेवकाय रामभक्तितत्पराय
रामहृदयाय लक्ष्मणशक्ति भेदनिवावरणाय
लक्ष्मणरक्षकाय दुष्टनिबर्हणाय रामदूताय स्वाहा।
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय आध्यात्मिकाधिदैवीकाधिभौतिक
तापत्रय निवारणाय रामदूताय स्वाहा।
ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम,
लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम !
श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे
रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !
विज्ञापन