YouTube Rules: अगर किसी ने यूट्यूब पर अपलोड कर दी अश्लील वीडियो तो, जानें फिर क्या होगा

YouTube Rules: यूट्यूब या किसी भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अश्लील सामग्री डालना आईटी एक्ट और भारतीय न्याय संहिता के तहत एक गंभीर अपराध है, जिसमें भारी जुर्माने से लेकर कई साल की जेल तक का प्रावधान है। पुलिस के साथ-साथ यूट्यूब खुद भी ऐसे चैनलों पर सख्त कार्रवाई करता है।
 
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YouTube Rules: स्मार्टफोन और सस्ते इंटरनेट ने यूट्यूब को हर घर तक पहुंचा दिया है। लोग यहां से सीख भी रहे हैं और पैसा भी कमा रहे हैं। लेकिन कुछ लोग जल्दी पैसा कमाने के लालच में इस प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं और अश्लील वीडियो अपलोड कर रहे हैं। अगर आप भी ऐसा कुछ करने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है। यूट्यूब पर अश्लील कंटेंट डालना न सिर्फ गैर-कानूनी है, बल्कि इसके लिए आपको जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है।

नई दिल्ली। आज के दौर में स्मार्टफोन हर किसी की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। बच्चों से लेकर बड़े तक, हर कोई इंटरनेट की दुनिया में डूबा हुआ है। इस डिजिटल क्रांति ने जहां हमारे कई कामों को आसान बनाया है, वहीं इसका एक खतरनाक और स्याह पहलू भी है जो समाज के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है। इंटरनेट पर आज हर तरह का कंटेंट बस एक क्लिक की दूरी पर है, और इसमें सबसे बड़ी भूमिका वीडियो प्लेटफॉर्म यूट्यूब की है।

यूट्यूब ने लाखों लोगों को अपनी प्रतिभा दिखाने और पैसा कमाने का एक सुनहरा अवसर दिया है। लेकिन कुछ लोग रातों-रात मशहूर होने और जल्दी पैसा कमाने के लालच में सारी हदें पार कर देते हैं। वे अपने यूट्यूब चैनल (YouTube Channel) पर अश्लील कंटेंट (Obscene Content) अपलोड करने लगते हैं, यह सोचे बिना कि इसका अंजाम कितना भयानक हो सकता है। अगर आप भी ऐसा कुछ करने की सोच रहे हैं या किसी को ऐसा करते हुए जानते हैं, तो यह खबर आपके लिए एक चेतावनी है। भारत में यह न सिर्फ गलत है, बल्कि एक गंभीर अपराध है, जिसकी सजा बहुत कठोर है। कई लोगों को लगता है कि इंटरनेट पर वे जो चाहें कर सकते हैं और कोई उन्हें पकड़ नहीं पाएगा, लेकिन यह उनकी सबसे बड़ी भूल है। भारत सरकार की साइबर क्राइम एजेंसियां लगातार इंटरनेट पर ऐसी गतिविधियों की निगरानी करती हैं और शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई करती हैं।

1. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT Act, 2000)

यह कानून ऑनलाइन दुनिया में होने वाले अपराधों से निपटने के लिए बनाया गया है। इसकी दो धाराएं इस मामले में बेहद महत्वपूर्ण हैं:

  • आईटी एक्ट की धारा 67: इस धारा के अनुसार, किसी भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अश्लील सामग्री को प्रकाशित करना या भेजना एक अपराध है। अगर कोई व्यक्ति पहली बार यह अपराध करता पकड़ा जाता है, तो उसे 3 साल तक की कैद और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। यदि वही व्यक्ति दोबारा यह अपराध करता है, तो सजा (Punishment) बढ़कर 5 साल की कैद और 10 लाख रुपये का जुर्माना हो जाती है।

  • आईटी एक्ट की धारा 67A: यह धारा और भी ज्यादा सख्त है। यह विशेष रूप से ऐसी सामग्री पर लागू होती है जिसमें यौन रूप से स्पष्ट कार्य (Sexually Explicit Acts) दिखाए गए हों। इस धारा के तहत, पहली बार अपराध करने पर ही 5 साल तक की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अपराध दोहराने पर सजा 7 साल तक बढ़ सकती है।

2. भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita)

नए भारतीय न्याय संहिता में भी अश्लील सामग्री के प्रसार को लेकर कड़े प्रावधान हैं। इसकी संबंधित धाराओं के तहत, जो कोई भी ऐसी सामग्री को बेचता, वितरित करता या सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करता है, उसे 2 साल तक की जेल और जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।

सिर्फ कानून ही नहीं, यूट्यूब भी नहीं बख्शेगा

कानूनी कार्रवाई अपनी जगह है, लेकिन जिस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल आप पैसा कमाने के लिए कर रहे हैं, वह खुद भी आपको नहीं बख्शेगा। यूट्यूब के नियम (YouTube Rules) इस तरह के कंटेंट को लेकर 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाते हैं।

कैसे काम करती है यूट्यूब की पॉलिसी?

  • वीडियो हटाना: जैसे ही यूट्यूब के ऑटोमेटेड सिस्टम या किसी यूजर की रिपोर्ट से ऐसे वीडियो का पता चलता है, उसे तुरंत प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाता है।
  • कम्युनिटी गाइडलाइन स्ट्राइक: वीडियो हटाने के साथ ही आपके यूट्यूब चैनल (YouTube Channel) पर एक 'स्ट्राइक' यानी चेतावनी दी जाती है। पहली स्ट्राइक का असर एक हफ्ते तक रहता है, जिसमें आप वीडियो अपलोड नहीं कर सकते।
  • चैनल का बंद होना: अगर 90 दिनों के अंदर आपके चैनल पर तीन स्ट्राइक आ जाती हैं, तो यूट्यूब आपके चैनल को हमेशा-हमेशा के लिए बंद (Terminate) कर देगा। इसके बाद आप दूसरा कोई चैनल भी नहीं बना पाएंगे।

यह समझना जरूरी है कि यूट्यूब की पकड़ से बचना लगभग नामुमकिन है। उनके एडवांस एल्गोरिदम और मॉडरेटर्स की टीम 24 घंटे ऐसे कंटेंट की तलाश में रहती है।

बच्चों से जुड़ा कंटेंट, और भी संगीन अपराध

अगर किसी वीडियो में बच्चों को अश्लील रूप में दिखाया गया है या बच्चों से संबंधित कोई यौन सामग्री है, तो यह मामला और भी ज्यादा गंभीर हो जाता है। ऐसे मामलों में POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) एक्ट के तहत कार्रवाई होती है, जो एक बहुत ही कठोर कानून है। इसमें आरोपी को जमानत मिलना भी मुश्किल हो जाता है और सजा भी बहुत लंबी होती है।

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