इसके लिए जिगरा चाहिए ! कौन हैं यह बिजनेसमैन, 200 करोड़ की संपत्ति की दान, 'अब मांगेंगे भीख'
दिल्ली डेस्क: बिजनेसमैन ने अनोखी मिसाल पेश की आज के समय में लोग धर्म के नाम पर पैसा कमा रहे हैं। लेकिन गुजरात के एक बिजनेसमैन ने अनोखी मिसाल पेश की है। उन्होंने 200 करोड़ रुपए दान करके पत्नी के साथ सन्यांसी बन गए।
दिल्ली डेस्क: बिजनेसमैन ने अनोखी मिसाल पेश की आज के समय में लोग धर्म के नाम पर पैसा कमा रहे हैं। लेकिन गुजरात के एक बिजनेसमैन ने अनोखी मिसाल पेश की है। उन्होंने 200 करोड़ रुपए दान करके पत्नी के साथ सन्यांसी बन गए। लग्जरी लाइफ छोड़कर भिक्षु बने यह बिजनेसमैन भावेश भाई भंडारी हैं, जो कि गुजरात में एक कंस्ट्रक्शन बिजनेस करते हैं। लेकिन अब वो पत्नी और बच्चों के साथ सन्यांस धारण कर चुके। भीख मांगकर जीवन बिताएंगे भावेश भंडारी और उनकी पत्नी ने फरवरी में एक धार्मिक समारोह में अपनी जिंदगीभर की कमाई दान कर दी थी। अब वह सन्यांसी की तरह भीख मांगकर जीवन बिताएंगे।
घर-संपत्ति और परिवार छोड़ दिया... बता दें कि भावेश भंडारी के 19 वर्षीय बेटी और 16 वर्षीय बेटे 2022 में भिक्षु बन गए थे। दोनों बच्चों को भौतिक सुख रास नहीं आया और उन्होंने घर-संपत्ति और परिवार छोड़ दिया। पूरे भारत की नंगे पैर यात्रा करेंगे भावेश भाई और उनकी पत्नी ने प्रतिज्ञा ली है कि वह अब भौतिकवादी वस्तुओं का उपयोग नहीं करेंगे। जो जीवन बचा उसे वो केवल भिक्षा पर जीवित जिएंगे और पूरे भारत की नंगे पैर यात्रा करेंगे। एक भव्य जुलूस निकाला.... जैन समाज के लोगों ने हिम्मतनगर में एक भव्य जुलूस निकाला, जिसमें भंडारी दंपति पर फूल बरसाकर स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने अनुशासित जीवन जीने का संकल्प लिया।
बेटा-बेटी ने भी दो साल पहले ली थी दीक्षा
भावेश भाई और उनकी पत्नी से पहले साल 2022 में उनके 16 साल के बेटे और 19 साल की बेटी ने भी जैन समाज में दीक्षा ली है। दोनों भाई-बहनों ने संयमित जीवन जीने का फैसला किया है। अपने बेटा और बेटी से प्रेरित होकर भावेश भाई और उनकी पत्नी ने सन्यासी बनने का फैसला कर लिया है।
शोभायात्रा में भावेश भाई ने दान कर दी 200 करोड़ की संपत्ति
संन्यासी बनने जा रहे भावेश भाई भंडारी और उनकी पत्नी की साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में धूमधाम से शोभायात्रा निकाली गई थी। ये यात्रा लगभग 4 किलोमीटर लंबी थी। इसी शोभा यात्रा में भावेश भाई ने अपनी सारी संपति 200 करोड़ रुपये दान में दे दी है। उन्होंने अचानक दीक्षार्थी बनने का फैसला किया है। रिपोर्ट के मुताबिक 22 अप्रैल को हिम्मतनगर रिवर फ्रंट पर भावेश भाई और उनकी पत्नी समेत 35 लोग संयमित जीवन जीने का संकल्प लेने वाले हैं।