Thyroid Disease: थायराइड की शुरुआत होने पर शरीर में दिखते हैं ये 5 लक्षण, ऐसे करें देखभाल
Thyroid Disease: आजकल की बिजी लाइफस्टाइल और खान-पान के चलते थायराइड के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है । थायराइड को कुछ लोग साइलेंट किलर भी मानते हैं क्योंकि इसके लक्षण बहुत देर में पता चलते हैं । लेकिन आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसी बातें जिन्हें सुनकर आप थायराइड की शुरुआती लक्षणों को पहचान सकते हैं और इस बीमारी की जल्द से जल्द रोकथाम कर सकते हैं। लेकिन पहले हम आपको इस बीमारी से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां देते हैं आम तौर पर महिलाएं इस बीमारी की ज्यादा शिकार होती है।
थायराइड ग्रंथि गार्डन में सांस नली के ऊपर वह कल कोर्ट के दोनों और दो भागों में बनी होती है यह तितली के आकार की होती है। थायराइड ग्रंथि थायरोक्सिन नामक हार्मोन बनाते हैं इस हार्मोन से शरीर की एनर्जी प्रोटीन उत्पादन और अन्य हार्मोन के प्रति होने वाले संवेदनशीलता कंट्रोल होती है इस हार्मोन से शरीर की एनर्जी प्रोटीन उत्पादन और अन्य हार्मोन के प्रति होने वाली संवेदनशीलता कंट्रोल होती है।शरीर में मेटाबॉलिज्म की ग्रंथियां को भी कंट्रोल करती है यह दो प्रकार के हार्मोन बनती है जिसे टायरों कहते हैं दूसरा थायरोक्सिन कहते हैं जब थायराइड से निकलने वाले यह दोनों हार्मोन आप संतुलित हो जाते हैं तो थायराइड की समस्या होने लगती है। अगर आपके शरीर में थायराइड ग्रंथि अंदर एक्टिव है तो इसके संकेत और लक्षण भी नजर आते हैं वजन बढ़ाना थायराइड के कारण मेटाबॉलिज्म के तहत धीमी पड़ जाती है जब थायराइड अंदर एक्टिव होता है तो शरीर को पर्याप्त एनर्जी नहीं मिलती ।
इसके कारण लगातार थकान और नींद आती रहती है यहां तक की किसी भी हल्की-फुल्की फिजिकल एक्टिविटी के बाद भी व्यक्ति बहुत ज्यादा थका हुआ महसूस करता है अस्वस्थ बार आंखें और सबसे बड़ा लक्षण है जो नजर आता है नाखून पतले और रखे उन्हें शुरू हो जाते हैं दरार पड़ जाती है और वह जल्दी टूटने लगते हैं इसके अलावा नाखूनों में सफेद लाइन भी नजर आने लगती है इस वक्त पीड़ित कई महिलाओं में आंखों की बीमारियां हो जाती है जैसे आंखें लाल होना खुजली लगा आंखों में सूजन से भी इसके लक्षण नजर आते हैं।
शारीरिक आवश्यकताओं में बदलाव
थायराइड शरीर की आवश्यकताओं पर भी असर डालता है साथ ही अंदर एक्टिव थायराइड ग्रंथि अक्सर महिलाओं की आवाज में भी परिवर्तन लाता है। उनकी आवाज पहले से भरी और हर्ष हो जाती है रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है । थायराइड की समस्या से जल थकान होने लगती है शरीर स्वस्थ रहता है । और शरीर की ऊर्जा खत्म होने लगती है थायराइड की समस्या होने पर डिप्रेशन आपके ऊपर हावी होने लगती है किसी भी काम में मन नहीं लगता दिमाग की सोचने समझने की शक्ति कमजोर हो जाती है याददाश्त भी कमजोर होने लगती है।
अनियमित पीरियड्स और अवसाद
महिलाओं में पीरियड्स की अनियमितताएं शुरू हो जाते हैं यह पहले की तुलना में लाइटर या हीवर रूप में हो सकता है इसके अलावा कई महिलाओं में दो पीरियड्स के इंटरवल भी हो सकते हैं थायराइड रोग का पता ब्लड टेस्ट से चलता है डॉक्टर उन महिलाओं को थायराइड चेकअप कराने की सलाह देते हैं जिनमें इस प्रकार के लक्षण पाए जाते हैं यदि आपको भी समस्याएं हैं तो डॉक्टर से सलाह ले उचित इलाज करवाएं।