state health society || पिछले 24 साल से अनुबंध पर नौकरी कर रहे यह कर्मचारी, 54 अलग- अलग पदों पर मिली है तैनाती, यह है इनकी मांग

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न्यूज हाइलाइट्स

सारांश:

State health society ||   स्टेट हेल्थ सोसायटी ( state health society)  के तहत दो हजार अनुबंधित कर्मचारी ( contract employee) 54 विभिन्न पदों पर पिछले 24 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन सरकार ने इन्हें अभी तक नियमित ( regular) पे स्केल जारी नहीं किया है। इन कर्मचारियों ने अब मणिपुर राज्य की तर्ज पर नियमित या वर्ष 2016 की नोटिफिकेशन के आधार (base) पर रेगुलर पे स्केल (pay scale) देने की मांग सरकार से उठाई है। 

इन कर्मचारियों का कहना है कि   ये वो कर्मचारी हैं जो अपने नियमित या रेगुलर पे स्केल का बजट भी खुद लेकर चल रहे हैं। इनका कहना है कि सरकार के ऊपर किसी भी प्रकार का वित्तीय ( financial burden) बोझ इन कर्मचारियों को नियमित या नियमित पे स्केल देने के लिए नहीं पड़ेगा।  इस पूरे मामले पर स्वास्थ्य अनुबंधित समिति (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) कर्मचारी संघ हिमाचल प्रदेश के प्रदेश महासचिव सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि संघ ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, विभिन्न मंत्रियों, विधायकों के समक्ष अपनी मांग को कई  बार रखा हैं और इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने जल्द ही सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन संघ को दिया था।  

उन्होंने कहा कि अभी तक फिलहाल कोई निर्णय सरकार ने नहीं किया है, जिस कारण कर्मचारी बेहद हताश हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि संघ ने अपनी मांग को शांति प्रिय ढंग से रखा है और आपदा में भी इन कर्मचारियों ने आगे बढ़कर कम वेतन होते हुए भी वितीय सहयोग सरकार को दिया है। उन्होंने बताया कि मणिपुर सरकार ( manipur government) ने आठ वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले कर्मचारियों को स्टेट की पोस्टों पर बराबर कर नियमित कर दिया है ।और उसमें यह लाइन शामिल की गई है कि सोसायटी में जिस पोस्ट पर वो काम कर रहे हैं, वो उसी पोस्ट पर कार्य करते रहेंगे ताकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ( national health mission) के पैसे से ही उनके वेतन का भुगतान होता रहे। 

संघ के महासचिव सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि संघ ने सरकार से ये भी आग्रह किया है कि अगर नियमित करने में कोई कठिनाई हो तो वर्ष 2016 की नोटिफिकेशन ( notification) के आधार पर इन्हें नियमित पे स्केल दिया जाए। विभाग की तरफ से स्टेट हेल्थ सोसायटी (state health society) के इन कर्मचारियों को वंचित रखा गया है, सबसे चिंतनीय बात ये है कि लोकल रोगी कल्याण समिति के तहत रखे गए कर्मचारियों की न्युक्ति और वेतन रोगी कल्याण समिति की अर्जित राशि से होता था। अस्पतालों में रोगियों के टेस्ट निशुल्क होने के कारण अब इन्हें नियमित पे स्केल का भुगतान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर रहा है। स्टेट हेल्थ सोसायटी के ये कर्मचारी पिछले 24 वर्षों से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालित योजनाओं को चलाने में अति महत्वपूर्ण  योगदान दिया है और देते आ रहे हैं।

जिसकी बदौलत विभाग बहुत बार राष्ट्रीय स्तर ( national level) पर पुरस्कार हासिल कर बाहबाही लूट चुका है, चाहे वो क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम हो, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम या कोरोना का समय इन कर्मचारियों ने हमेशा अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। संघ के प्रदेश महासचिव सुनील कुमार शर्मा ने बार फिर से सरकार से आग्रह किया है कि इस पर जल्द सकारात्मक निर्णय लें, ताकि कर्मचारियों में आक्रोश की स्थिति पैदा न हो और काम सुचारू रूप से चलता रहे।