Success Business Idea : दिल्ली में सब्जे बेचने वाले इस युवक ने लगाया ऐसा दिमाग, अब हर दिन हो रही 2 लाख की कमाई
Success Business Idea :
Success Business Idea : बिजनेसमैन शशि भूषण तिवारी दिल्ली सब्जी मंडी में व्यापार करता था लेकिन कोरोना जैसी महामारी के दौरान वह काम भी उनसे छूट गया उसके बाद वापस जब अपने गांव लौटा दो वहां पर उन्होंने मशरूम की खेती शुरू कर दी दिन बीते गए और उनका यह बिजनेस सफल और बुलंदियों तक पहुंचने लगा
Success Business Idea : नई दिल्ली: आज हम आपको इस खबर के माध्यम से एक ऐसी सक्सेस स्टोरी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं इस स्टोरी को पढ़कर आपके अंदर भी खुद का बिजनेस करने का जुनून पैदा हो जाएगा। दरअसल हम बात कर रहे हैं। बिहार के एक छोटे से गांव के रहने वाले बिजनेसमैन शशि भूषण तिवारी के बारे में जिसने सबसे पहले दिल्ली में सब्जी मंडी में सब्जी का व्यापार करके आज बड़ा मुकाम हासिल किया हुआ है और हर दिन तकरीबन 2 लख रुपए कमाता है।
बिजनेसमैन शशि भूषण तिवारी दिल्ली सब्जी मंडी में व्यापार करता था लेकिन कोरोना जैसी महामारी के दौरान वह काम भी उनसे छूट गया उसके बाद वापस जब अपने गांव लौटा दो वहां पर उन्होंने मशरूम की खेती शुरू कर दी दिन बीते गए और उनका यह बिजनेस सफल और बुलंदियों तक पहुंचने लगा आज शशि भूषण तिवारी के मशरूम बिहार समेत कई राज्यों में फेमस है। हर दिन क्विटलों के हिसाब से मशरूम का एक्सपोर्ट इनके गोदाम से होता है ।
बिहार के उद्यमी शशि भूषण तिवारी ने मशरूम की खेती से अपना जीवन बदल लिया है। कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली में सब्जी का व्यापार करने वाले शशि भूषण तिवारी को मुजफ्फरपुर में अपने गांव लौटना पड़ा। उन्होंने उस कठिन घड़ी को अवसर में बदल दिया। अपने खेत में बटन मशरूम लगाना शुरू कर दिया। आज यह उनकी लाखों की कमाई है। यहां शशि भूषण तिवारी की सफलता की कहानी पढ़ें।
शुरू में, शशि भूषण ने एक छोटे से कमरे में PUF पैनल और एयर कंडीशनर जैसे नवीनतम उपकरणों का उपयोग करके मशरूम उगाया। धीरे-धीरे उन्होंने सफलता मिलने पर अपने काम को बढ़ा दिया। आज उनके पास 20 कमरे हैं, जहां से 1.7 से 1.8 टन मशरूम प्रति दिन उत्पादित होता है। इससे उन्हें प्रतिदिन दो लाख रुपये मिलते हैं। सभी खर्चों को काटकर प्रति महीने लगभग 10 लाख रुपये का मुनाफा मिलता है।
शशि भूषण का यह उद्यम न केवल उनके परिवार को भोजन देता है, बल्कि लगभग सौ ग्रामीण पुरुषों और महिलाओं को भी रोजगार देता है। स्थानीय अर्थव्यवस्था इससे मजबूत होती है। तिवारी खुद मशरूम स्पॉन बनाते हैं, ताकि उनकी लागत कम हो जाए और मांग कम हो जाए। उन्होंने भी एक मशरूम कैनिंग प्लांट बनाया है।
शशि का मानना है कि परिवार की आय को बढ़ाने का सबसे अच्छा उपाय मशरूम की खेती है। कॉलेज के कई छात्र पार्ट-टाइम नौकरी करते हैं। हाल ही में, शशि के बेटे ने डिब्बाबंद मशरूम को ऑनलाइन बेचना शुरू किया है। निर्यात अब उनका लक्ष्य है। शशि के पास लाइसेंस है, लेकिन वे अभी तक विदेश नहीं गए हैं। यह उनकी अगली यात्रा का एक हिस्सा हो सकता है।