Organic Farming || किसानों के लिए जबरदस्त जैविक खेती करने का तरीका, हर साल होगी लाखों की कमाई
आप भी जैविक खेती के लिए करें प्रयास और बदलें अपनी जिंदगी
कृषि किसी भी देश की प्रगति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। कृषि के बिना किसी भी देश के लोगों का जीवन यापन मुश्किल है। अगर भारत की बात करें तो भारत एक कृषि प्रधान देश है। आज
Organic Farming || कृषि (Farming ) किसी भी देश की प्रगति का महत्वपूर्ण हिस्सा ( important )है। कृषि के बिना किसी भी देश के लोगों का जीवन यापन मुश्किल है। अगर भारत की बात करें तो भारत एक कृषि प्रधान देश है। आज के समय में भी भारत की लगभग 58% जनसँख्या कृषि पर निर्भर है, इसके साथ ही भारत की राष्ट्रीय आय ( National income) का लगभग 20% खेती से आता है। ऐसे में हमारे लिए यह बहुत ज़रूरी हो जाता है कि कृषि को और किसानों को उन्नत बनाने का प्रयास किया जाए। इसके साथ ही हमें और देश और प्रदेश की सरकारों को यह भी प्रयास करना चाहिए कि फसलों का उपभोग करने से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव ना पड़े। स्वास्थ्य (health ) पर असर ना पड़े इन सभी समस्याओं का सीधा सा उपाय है जैविक खेती करना।
क्या है जैविक खेती?
जैविक खेती का बिज़नेस (business) करने से पहले ज़रूरी है कि हम उससे जुड़ी पूरी जानकारी हासिल कर लें। मौजूदा समय में अधिकतर किसान अच्छी फसलों की पैदावार ( produce) के लिए खेतों में रासायनिक खाद का उपयोग करते हैं, जिससे खेतों की मिट्टी खराब हो जाती है और फसल का उपभोग करने वाले लोगों को भी नुकसान होता है। जबकि जैविक खेती में किसी भी रसायन का उपयोग नहीं किया जाता इस लिए यह सुरक्षित (safe ) माना जाता है। जैविक खेती में रासायनिक खाद के स्थान पर इसमें गोबर, कम्पोस्ट, फसलों के अवशेष, सब्जियों और फलों के छिलके, जीवाणु खाद आदि का उपयोग किया जाता है।
कैसे करें इसकी शुरुआत?
यदि आप रासायनिक खेती से जैविक खेती (organic farming) की तरफ बढ़ना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको 3 सालों तक बिना किसी रासायनिक खाद के प्रयोग के जैविक खाद की सहायता से खेती करनी होगी। इसमें आप गोमूत्र का स्प्रे, गाय का गोबर, वर्मी कम्पोस्ट जैसे विभिन्न तरीके अपना कर जैविक खेती कर सकते हैं। जैविक खेती करने से पहले आपको मिट्टी का परीक्षण (soil testing ) भी करना होगा।
कैसे करें मिट्टी का परीक्षण?
जैविक खेती करने के लिए मिट्टी परीक्षण (soil testing ) के द्वारा मिट्टी में मौजूद नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, ज़िंक, बोरॉन सहित कुल 17 तत्वों की उपस्थिति का पता लगाया जाता है। इसके लिए फसल काटने के बाद खेत के अलग-अलग 6 स्थानों पर सतह से 6 इंच तक मिट्टी V आकार के गड्ढे को खोदकर निकालें। फिर मिट्टी को ठीक से मिला लें और नजदीकी मृदा परीक्षण केंद्र (humidity testing centre) पर जाकर वहां जांच कराएं। इससे आपको यह पता चल जाएगा कि आपके खेत में किन तत्वों की कमी और किन तत्वों की अधिकता है। इस प्रकार आप अपने मिट्टी के अनुसार सही खाद का चयन कर अच्छी पैदावार कर सकते हैं।
जैविक खाद के प्रकार
गोबर की खाद
देश के लगभग सभी किसान खेती (farming) के साथ-साथ कम या अधिक मात्रा में पशुपालन भी करते हैं। यदि आप भी खेती के साथ पशुपालन करते हैं,तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। आप अपने पशुओं (cattle) के गोबर को किसी गड्ढे में इकठ्ठा करके उसमें पानी भर दें। इस गोबर को सड़ने में 4 से 5 महीने का समय लगता है। जब यह खाद तैयार हो जाए तो आप इसे अगली फसल की बुआई के पहले खेती में छिड़क दें। इससे खेतों की उर्वरता बढ़ेगी और अच्छी जैविक खेती (good organic farming)हो पाएगी।
फसलों की खाद
किसान प्रत्येक फसल के बाद खेतों में फसल के बचे हुए अवशेषों को जला (burn) देते हैं, जिसे पराली कहा जाता है। आप फसल की कटाई के बाद अवशेषों को खेतों में ही छोड़ दें। उसके बाद खेत की जुताई कर सिंचाई कर दें और जैविक यूरिया का छिड़काव कर दें। इससे भी जैविक खेती में लाभ (benefit) मिलेगा।
वर्मी कम्पोस्ट
वर्मी कम्पोस्ट (barmi compost) खाद बनाने के लिए घर के कचरे और फसलों के बचे हुए अवशेष को इकठ्ठा कर उसे छायादार स्थान पर गड्ढे में डालकर पानी से भर दें। इसके बाद 4 महीने के अंदर यह खाद में बदल जाएगा। इसमें यदि पानी की जगह केंचुएं छोड़ दिए जाएँ तो केंचुएं इसे खाकर मल के रूप में बाहर निकालते हैं, जो खाद के तौर पर उपयोग किया जा सकता है।
कमाएं लाखों रुपये
आज के समय में जैविक तरीके से तैयार उत्पादों की मांग (demand) बहुत बढ़ गयी है, यही कारण है कि कई लोग अपने घरों में गमलों में ही आर्गेनिक सब्जियां ऊगा रहे हैं। यदि आप भी यह सोच रहे हैं कि अपनी जैविक फसल को आप कहाँ बेच सकते हैं, तो आप अपनी जैविक फसल को भारत सरकार (government of India) के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पोर्टल https://www.jaivikkheti.in/ पर बेच सकते हैं। या आप अपने आसपास के लोगों को भी सीधे बेच सकते हैं।
देश का एक उदाहरण पेश किया है सिक्किम ने।। साल 2016 में सिक्किम (Sikkim) भारत का ही नहीं बल्कि विश्व का पहला पूर्ण जैविक राज्य बन गया है। सिक्किम अभी तक इस क्षेत्र में कई राष्ट्रीय (National) और अंतर्राष्ट्रीय (international) पुरस्कार भी जीत चुका है। आज भारत के शहरों (cities) में अधिकतर लोग अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए जैविक सब्जियों और फलों को का सेवन करना चाहते हैं। यही कारण है कि जैविक उत्पाद की बढ़ती मांग के कारण आप जैविक खेती अपनाकर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।