Online Gaming Ban: Dream11 का खेल खत्म! सरकार ने लगाया असली पैसे वाले ऑनलाइन गेम्स पर बैन, हजारों नौकरियों पर खतरा

क्यों लगाया गया यह बैन? क्या कहता है नया बिल?
सरकार ने इस प्रतिबंध के पीछे "सामाजिक बुराइयों" और इन प्लेटफॉर्म्स से होने वाले मानसिक नुकसान का हवाला दिया है। विधेयक में “हानिकारक” ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है। इन गेम्स से जुड़े सभी विज्ञापनों और वित्तीय लेन-देन को भी गैरकानूनी घोषित कर दिया गया है। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में कहा, "समाज में व्याप्त इन सामाजिक बुराइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना जरूरी है। सरकार और संसद का यह कर्तव्य है कि वे इन समस्याओं से निपटें।"
Dream11 ने बंद किया बिजनेस, हजारों नौकरियों पर संकट
रिपोर्ट्स के अनुसार 20 अगस्त 2025 को आयोजित एक आंतरिक टाउनहॉल बैठक में Dream11 ने अपना मुख्य रियल-मनी गेमिंग बिजनेस बंद करने का फैसला किया। 8 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन वाली इस कंपनी के टॉप अधिकारियों को अब आशंका है कि जल्द ही बड़े पैमाने पर नौकरियां खत्म हो सकती हैं। यही हाल 2.3 बिलियन डॉलर की कंपनी Mobile Premier League (MPL) और Games24X7, Zupee, WinZO जैसी अन्य कंपनियों का भी है, जिनमें विदेशी निवेशकों ने अरबों रुपये का निवेश किया था।
यूजर्स बोले
इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। कई यूजर्स ने इसे भारतीय स्पोर्ट्स इकोसिस्टम के लिए एक बड़ा झटका बताया है।
- X पर एक यूजर ने लिखा, "Dream11 और फैंटेसी स्पोर्ट्स का बंद होना भारत में क्रिकेट की व्यूअरशिप के लिए एक बड़ा झटका है। IPL, ग्लोबल T20 लीग और महिला क्रिकेट, सभी को इसका भारी नुकसान होगा।"
- एक अन्य यूजर ने कहा, "अगर फैंटेसी ही बैन हो गया, तो मैं IPL और बाकी टूर्नामेंट क्यों देखूं? क्रिकेट देखने में कोई दिलचस्पी नहीं रहेगी।"
- एक तीसरे यूजर ने भावुक होकर लिखा, "Dream11 मेरे लिए सिर्फ एक खेल नहीं था, यह मेरी ज़िंदगी का टर्निंग प्वाइंट था। इसने मुझे आत्मविश्वास, पैसा, घर, कार और अपना बिजनेस खड़ा करने का हौसला दिया। अगर यह बैन हुआ, तो बहुत तकलीफ होगी।"
हालांकि, कुछ लोगों ने इस फैसले का समर्थन भी किया है और कहा है कि ऐसे प्लेटफॉर्म्स से युवा "प्रभावित हो रहे थे" और इसे "बैन होना ही चाहिए था।"
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की गेमिंग कंपनियां इस प्रतिबंध को एकतरफा और अन्यायपूर्ण मानती हैं। वे इस फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने के विकल्प पर विचार कर रही हैं और इसके लिए बड़े वकीलों से बातचीत भी शुरू कर दी है। अब देखना यह है कि क्या कोर्ट से इन कंपनियों को कोई राहत मिलती है या भारत में फैंटेसी गेमिंग का अध्याय हमेशा के लिए बंद हो जाता है