kangana success story || कंगना रनौत ने कम उम्र में छोड़ दिया था घर, कॉफी पीते हुए मिली थी पहली फिल्म

kangana success story || बॉलीवुड की कंगना रनौत ने अपने बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती हैं। लेकिन कंगना रनौत के सक्सेज का सफर काफी मुश्किल भरा रहा है

kangana success story||  वह 12वीं क्लास में फेल हो गए थे। अपने सपने को पूरा करने के लिए कंगना ने अपना घर छोड़ दिया और दिल्ली आ गईं।लेकिन मैं बचपन से ही एक्टर बनना चाहता था. दिल्ली आने के बाद कंगना ने थिएटर डायरेक्टर अरविंद गौड़ से एक्टिंग की ट्रेनिंग ली।इसके बाद वह इंडिया हैबिटेट सेंटर का हिस्सा बनीं और कई धारावाहिकों, नाटकों में काम किया। उनका पहला नाटक गिरीश कर्नाड का रक्त कल्याण था।
kangana success story || कंगना रनौत ने कम उम्र में छोड़ दिया था घर, कॉफी पीते हुए मिली थी पहली फिल्म
kangana success story

kangana success story ||  बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ( Bollywood actress kangna ranaut) भारतीय फिल्म उद्योग की बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक हैं। एक इंटरव्यू (interview) में कंगना ने खुलासा किया था कि जब उनका जन्म हुआ तो उनका परिवार (family) नाखुश था। लेकिन वे इस परिवार से तब खुश नहीं थे जब घर में दूसरी संतान के रूप में लड़की का जन्म हुआ। कंगना ने इंटरव्यू (interview) में आगे कहा कि उनके माता-पिता चाहते थे कि वह डॉक्टर (doctor) बनें।कंगना को उनके बेबाक बयानों के लिए 'विवादों की रानी' भी कहा जाता है। उनका परिवार आज भी मनाली ( manali) में रहता है. कंगना के पिता अमरदीप रनौत एक बिजनेसमैन (business man) थे।कंगना का जन्म 23 मार्च 1987 को मनाली, हिमाचल प्रदेश में हुआ था। बॉलीवुड (Bollywood ) में कंगना रनौत का सफर चुनौतियों (challenges) से भरा रहा है। अपने सपनों को पूरा करने के लिए कंगना (kangna) ने छोटी उम्र में ही घर छोड़ दिया था।

वह 12वीं क्लास में फेल हो गए थे। अपने सपने (dream) को पूरा करने के लिए कंगना ने अपना घर छोड़ दिया और दिल्ली (Delhi) आ गईं। दिल्ली आने के बाद कंगना ने थिएटर डायरेक्टर अरविंद गौड़ से एक्टिंग की ट्रेनिंग ली। इसके बाद वह इंडिया हैबिटेट सेंटर का हिस्सा बनीं और कई धारावाहिकों, नाटकों में काम किया। उनका पहला नाटक गिरीश कर्नाड का रक्त कल्याण था।

शुरुआती दिनों में (in starting days) कंगना रनौत को पैसों के लिए दर-दर भटकना पड़ा था। वह अक्सर सारा दिन केवल रोटी और रोटी अचार खाकर ही गुजार देती थीं। कंगना के पिता ने उनकी आर्थिक मदद ( financial help) करने से इनकार कर दिया क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि वह अभिनेत्री बनें। हालांकि, साल 2007 में कंगना की तीसरी फिल्म लाइफ इन ए मेट्रो आई। आपको बता दें कि इसी फिल्म के बाद कंगना ने उनसे बातचीत शुरू की थी.

कॉफी पीते वक्त मुझे पहली फिल्म मिली.

आपको बता दें कि कंगना को उनकी पहली फिल्म  (frist film) कॉफी (coffee) पीते वक्त मिली थी.2005 में डायरेक्टर अनुराग बसु ने कंगना को एक कैफे में कॉफी पीते हुए देखा था। फिर उन्होंने मुझे फिल्म ऑफर की. साल 2006 में कंगना ने थ्रिलर फिल्म गैंगस्टर (gangster) से अपने करियर की शुरुआत की थी.गैंगस्टर में अपने अभिनय के लिए कंगना ने सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री का फिल्मफेयर (filmfare) पुरस्कार जीता।

 

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