Mutual Fund | म्यूचुअल फंड के दीवाने हुए भारतीय... महीनेभर में डाले ₹34000 करोड़
नई दिल्ली:Mutual Fund | हर कोई अपनी कमाई में से कुछ न कुछ बचत (Saving) करते हुए उसे ऐसी जगह निवेश (Invest) करना चाहता है, जहां जोरदार रिटर्न मिले. इस मामले में Mutual Fund (Mutual Funds) खासा लोकप्रिय हुआ है और इसमें निवेश के आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं. बीते मई महीने में भारतीयों ने इक्विटी Mutual Fund में रिकॉर्ड पैसों का निवेश किया है और पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़े हैं. एसोसिएशन ऑफ Mutual Fund इन इंडिया (AMFI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, MF में निवेश 83% बढ़कर 34,697 करोड़ रुपये के ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया है.
इससे पिछले महीने यानी अप्रैल 2024 में भारतीयों द्वारा इक्विटी Mutual Fund में किया गया निवेश मई की तुलना में बहुत कम 18,917.1 करोड़ रुपये था. सेक्टोरल और थीमैटिक फंड में अब तक का सबसे अधिक निवेश किया गया है और ये आंकड़ा एम्फी के मुताबिक मई में 19,213.4 करोड़ रुपये रहा है. SIP Investment देखें तो ये लगातार बढ़ रहा है और मई 2024 में इसका निवेश करीब 21,000 करोड़ रुपये दर्ज किया गया है. एम्फी के मुताबिक, मई में कुल एसआईपी इन्वेस्टमेंट 20,904.4 करोड़ रुपये के नए रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया, जो अप्रैल में 20,371 करोड़ रुपये था. एम्फी के सीईओ (AMFI CEO) वी. चालसानी का कहना है कि ओवरऑल फाइनेंशियल सेविंग्स में गिरावट के बावजूद एसआईपी इन्वेस्टमेंट में बढ़ोतरी देखने को मिली है.मई में इक्विटी Mutual Fund में निवेश तेजी से बढ़कर 34,697 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। पिछले महीने की तुलना में यह आंकड़ा 83% अधिक है। सोमवार को एम्फी (एसोसिएशन ऑफ Mutual Fund्स इन इंडिया) ने बताया कि यह इक्विटी फंड में शुद्ध निवेश का 39 वां महीना है। इसके अलावा, व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) का मासिक योगदान अप्रैल में 20,371 करोड़ रुपये था, मई में 20,904 करोड़ रुपये हो गया। इन योजनाओं में प्रत्येक महीने 20,000 करोड़ से अधिक का मासिक निवेश होता है।
Mutual Fund में कितना इनफ्लोमेंट हुआ
अप्रैल में 2.4 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले, मई में Mutual Fund उद्योग ने 1.1 लाख करोड़ रुपये का प्रवाह देखा। इक्विटी प्रवाह और ऋण योजनाओं में निवेश ने इसे बनाया। इस निवेश से उद्योग की प्रबंधन के तहत शुद्ध संपत्तियां (AUM) मई के अंत में 57.26 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 58.91 लाख करोड़ रुपये हो गईं।