IAS Success Story || दिहाड़ी करने वाले मजदूर ने किया UPSC में टॉप, जानें फर्श से अर्श तक की कहानी
राम भजन कुमार के घर की हालत इतनी खराब थी कि कुमार को अपनी मां के साथ दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करना पड़ा
IAS Success Story || आज हम ऐसे ही एक उम्मीदवार के बारे में बात करेंगे, जिनका नाम राम भजन कुमार है, जो कभी 200 रुपये की दैनिक मजदूरी पर काम करते थे। 10 ने कड़ी मेहनत और लगन से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की और अब अधिकारी का पद हासिल करेंगे! उनका बचपन कठिनाइयों और कष्टों से भरा था
IAS Success Story || यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (upsc civil service examination) भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं (difficult examination) में से एक है। लाखों उम्मीदवार सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में वर्षों बिता देते हैं। राम भजन कुमार राजस्थान के बापी गांव के रहने वाले हैं। उनकी मां को रहने के लिए कभी उचित आश्रय नहीं मिला। वहीं अधिकांश अभ्यर्थियों (maximum candidates) को परीक्षा में सफल होने के लिए कई प्रयास करने पड़ते हैं। आज हम ऐसे ही एक उम्मीदवार (candidate) के बारे में बात करेंगे, जिनका नाम राम भजन कुमार है, जो कभी 200 रुपये की दैनिक मजदूरी पर काम करते थे। 10 ने कड़ी मेहनत और लगन से यूपीएससी(UPSC) सिविल सेवा परीक्षा पास की और अब अधिकारी का पद हासिल करेंगे! उनका बचपन कठिनाइयों (difficulties) और कष्टों से भरा था।लेकिन अपने घर में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद, राम भजन ने सभी बाधाओं से लड़ते हुए यूपीएससी परीक्षा में अखिल भारतीय 667वीं रैंक हासिल की।
वे पत्थर तोड़ने का काम कर रहे थे
राम भजन कुमार के घर की हालत (home conditions) इतनी खराब थी कि कुमार को अपनी मां के साथ दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करना पड़ा। वह घंटों पत्थर तोड़ने का काम करता था, जबकि उसकी मां उन्हीं पत्थरों (stone) का भारी बोझ उठाती थी। एक मजदूर के रूप में काम करते हुए, कुमार को हर दिन 5 से 10 रुपये की मामूली आय होती थी। उनके पिता की महामारी के दौरान कोविड-19 से मृत्यु हो गई।
इसके अलावा, एक ऐसे परिवार से आने के कारण जो बकरियां पालते थे और उनका दूध बेचकर उनका पालन-पोषण करते थे, राम भजन के जीवन में भारी बदलाव आया। उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने उन्हें दिल्ली पुलिस (Delhi police) में कांस्टेबल की नौकरी दिला दी। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए तैयारी शुरू कर दी उन्होंने अपने पिता को कोविड (covid) के दौरान खो दिया। उनके पिता की मृत्यु के बाद, उनका परिवार गरीबी में गिर गया और जीवित रहने के लिए शारीरिक श्रम का सहारा लिया।
दृढ़ संकल्प से यूपीएससी पास किया
अपने आठवें प्रयास में उन्होंने वर्ष 2022 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (upsc civil service examination) पास करने का अपना सपना पूरा किया।राम भजन ने अपने परिवार को गरीबी से बाहर निकाला और एक असाधारण उपलब्धि हासिल की।