IAS Success Story | इन IAS को रास नहीं आई इंजीनियरिंग, IIT से की पढ़ाई फिर क्लियर किया UPSC एग्जाम
IAS Garima Agarwal Success Story
IAS Success Story | UPSC देश में ही नहीं, विश्व में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। जिसमें हर साल लाखों उम्मीदवार शामिल होते हैं। लेकिन प्री स्तर की परीक्षा केवल कुछ लोग पास कर सकते हैं। इसके बाद, मेंस क्लियर होने के बाद कुछ उम्मीदवारों का नाम इंटरव्यू की लिस्ट में आता है। इंटरव्यू के कठिन चरणों को पार करने के बाद, सफल उम्मीदवारों की सूची बनती है, जो बाद में देश का शासन चलाते हैं। हम आज आपको Garima Agarwal की कहानी बताने जा रहे हैं, जो UPSC की परीक्षा दो बार जीती है।
Garima Agarwal मध्य प्रदेश के खरगौन जिले से हैं और उनका परिवार बिजनेस से जुड़ा हुआ है। लेकिन गरिमा को बिजनेस चलाने में रुचि नहीं थी। वह पढ़ने में शुरू से ही तेज थीं, इसलिए उन्हें अपनी अलग पहचान बनाना था। गरिमा ने खरगौन के सरस्वती विद्या मंदिर से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और जेईई की परीक्षा पास कर आईआईटी हैदराबाद (IIT Hyderabad) में दाखिला लिया। गरिमा इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद जर्मनी गईं। अब इंजीनियर बनना एक शानदार करियर था। लेकिन उनका ध्यान दूसरे लक्ष्य पर था।वैसे तो देश में कई लोग आईएएस और आईपीएस बनते हैं, लेकिन कुछ खास लोगों की ही चर्चा होती है। आज बात एक ऐसे ही चर्चित आईपीएस अफसर गरिमा अग्रवाल की। गरिमा अग्रवाल देश की बेहद खूबसूरत महिला IAS अधिकारियों में से एक हैं। गरिमा की यूपीएससी तक का सफर तय करने की कहानी कुछ हटके हैं।
गरिमा अग्रवाल 2019 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने आईआईटी में पढ़ाई से लेकर यूपीएससी के जरिए सरकारी नौकरी हासिल करने तक एक लंबा सफर तय किया है। गरिमा ने UPSC में सफलता हासिल करने से पहले एक और कठिन परीक्षा को क्वालिफाई किया। इसके बाद गरिमा ने आईआईटी प्रवेश परीक्षा में भी कामयाबी पाई थी। गरिमा का जन्म मध्य प्रदेश के खरगोन में हुआ। उन्होंने खरगोन के सरस्वती विद्या मंदिर से पढ़ाई की है।
गरिमा ने 10वीं में 89% और 12वीं में 92 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। गरिमा ने अपने पहले ही प्रयास में दुनिया की दूसरी सबसे कठिन मानी जाने वाली परीक्षा जेईई पास कर ली थी। इसके बाद आईआईटी हैदराबाद से बीटेक की डिग्री हासिल की अपने बलबूते पर उन्हें जर्मनी स्थित एक कंपनी में इंटर्नशिप करने का मौका मिला, लेकिन उन्होंने शानदार सैलरी वाली जॉब करने का मोह छोड़ देशसेवा करना चुना। गरिमा ने पहले अटैम्प्ट में 240वीं रैंक के साथ यूपीएससी का एग्जाम निकाल लिया और उन्हें आईपीएस के तौर पर नियुक्ति मिली, लेकिन वह आईएएस ही बनना चाहती थीं। गरिमा अग्रवाल को अपने दूसरे प्रयास में ताबड़तोड़ सफलता मिली और इस बार 40वीं रैंक के साथ उन्हें इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस कैडर मिल गया।
पहले आईपीएस कैडर | IAS Garima Agarwal Success Story
Girima वापस लौटकर UPSC के माध्यम से IAS अधिकारी बनने का निर्णय लिया। 2017 में, उन्होंने UPSC मेरिट लिस्ट में नामांकित होने के लिए लगभग दो वर्ष की कठोर मेहनत की। Girima को UPSC में 240वीं रैंक मिली, जिसके आधार पर उन्हें IPS कैडर मिला। Girima का परिवार आईपीएस अधिकारी बनने से खुश था, लेकिन उनका सपना अभी पूरा होना बाकी था, इसलिए उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की। और IAS बनने का सपना था।
दूसरे प्रयास में 40वीं रैंक प्राप्त कर बनी IAS | IAS Garima Agarwal Success Story
दूसरी बार Garima Agarwal को UPSC में 40वीं स्थान हांसिल किया। उसे इस दौरान IAS कैडर मिल गया। फिलहाल, Garima Agarwal तेलंगाना में असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (Assistant District Magistrate) हैं। गरिमा ने सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को सलाह दी है कि वे प्री परीक्षा, मेंस और इंटरव्यू की तैयारी को अकेले करने के बजाय सामूहिक रूप से करें। UPSC में 40वीं रैंक तक पहुंचने तक की यात्रा शुरू से ही कीर्तिमानों से भरी हुई थी। यद्यपि उनका परिवार व्यापार करता था, वह सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ध्यान देती थीं। Girima ने दसवीं और बारहवीं में 92 प्रतिशत और 89 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। प्रीति अग्रवाल, उनकी बड़ी बहन, भी भारतीय डाक सेवा में हैं।